बर्मिंघम: अपने सबसे मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण के साथ चैंपियंस ट्रॉफी में उतरा ऑस्ट्रेलिया जोश हेजलवुड, पैट कमिन्स, मिशेल स्टार्क और जेम्स पैटिनसन की ‘खौफनाक चौकड़ी’ के दम पर न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार को यहां होने वाले अपने पहले मैच में जीत से आगाज करने की कोशिश करेगा. इन दोनों टीमों के पास प्रेरणादायी कप्तान हैं. ऑस्ट्रेलिया को स्टीव स्मिथ तो न्यूजीलैंड को केन विलियमसन पर काफी निर्भर हैं. दोनों टीमों में कुछ उपयोगी खिलाड़ी शामिल हैं जो अकेले दम पर किसी मैच का पासा पलट सकते हैं लेकिन अगर तेज गेंदबाजी आक्रमण की बात करें तो उसमें आस्ट्रेलिया का पलड़ा थोड़ा भारी लगता है. ऑस्ट्रेलिया के लिए हालांकि चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला आसान नहीं होगा, क्योंकि वे अक्सर चोटों से जूझते रहे हैं और ऐसा बहुत कम समय आया जब वे सभी फिट रहे हों. लेकिन उसके पास जान हेस्टिंग्स के रूप में एक और उपयोगी तेज गेंदबाज है जो कि इंग्लैंड की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं.
ऐसे में ऑस्ट्रेलिया चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का जोखिम उठा सकता है. ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिये यह राहत की बात है कि अपने करियर में अधिकतर समय पीठ दर्द के कारण परेशान रहे कमिन्स फिर से फिट हैं. इस 24 वर्षीय गेंदबाज ने 2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था लेकिन उसके बाद वह तीन टेस्ट और 28 वनडे मैच ही खेल पाए हैं. बायें हाथ का तेज गेंदबाज स्टार्क पांव की चोट से उबर गए हैं जिसके कारण वह भारत दौरे के बीच से लौट गये थे. पैटिनसन भी पीठ दर्द से उबर गये हैं. हेजलवुड, कमिन्स, स्टार्क और पैटिनसन की जोड़ी से ऑस्ट्रेलिया को उसी तरह की सफलता की उम्मीद है जैसे 1970 के दशक में एंडी राबर्ट्स, माइकल होल्डिंग, कोलिन क्राफ्ट और जोएल गार्नर ने वेस्टइंडीज को दिलायी थी.
मार्टिन गुप्टिल, कप्तान विलियमसन और आलराउंडर कोरे एंडरसन की शानदार पारियों से न्यूजीलैंड ने श्रीलंका के 357 रन के लक्ष्य को लगभग 46 ओवरों में हासिल कर दिया था. न्यूजीलैंड का मुख्य दारोमदार विलियमसन और एंडरसन पर टिका है क्योंकि गुप्टिल और रोस टेलर निरंतर एक जैसा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी भी न्यूजीलैंड की तुलना में मजबूत दिखती है जिसमें डेविड वार्नर और कप्तान स्मिथ जैसे दो धुरंधर बल्लेबाज शामिल हैं. श्रीलंका के खिलाफ अभ्यास मैच में शतक जड़ने वाले आरोन फिंच जब फार्म में होते हैं तो किसी भी तरह के आक्रमण की धज्जियां उड़ाने का माद्दा रखते हैं. इनके अलावा क्रिस लिन ने हाल में समाप्त हुए आईपीएल में अपने विस्फोटक तेवरों से अवगत कराया जबकि मध्यक्रम में ग्लेन मैक्सवेल जैसा तेजतर्रार बल्लेबाज है. न्यूजीलैंड टीम अपने मुख्य तेज गेंदबाजों टिम साउथी और ट्रेंट बोल्ट पर निर्भर है. एडम मिल्ने और कोलिन डि ग्रैंडहोम उसकी तेज गेंदबाजी की चौकड़ी को पूरा करते हैं लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की तरह खौफनाक नहीं माना जा सकता है. एंडरसन और जेम्स नीशाम जैसे आलराउंडर टीम में संतुलन पैदा करते हैं. न्यूजीलैंड हालांकि 2015 वर्ल्डकप के लीग चरण में ऑकलैंड में ऑस्ट्रेलिया पर दर्ज की गयी जीत से प्रेरणा लेना चाहेगा. ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि तब मेलबर्न में खेले गये फाइनल में इसका बदला चुकता कर दिया था. इन दोनों मैचों में खेलने वाले कई खिलाड़ी कल फिर से आमने सामने होंगे.