केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह ने नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों के प्रभारी कृषि विपणन मंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों/सचिवों/निदेशकों की बैठक में बताया कि दो प्राथमिक योजनाओं -राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड की प्रगति की समीक्षा की गयी है।
उन्होने बताया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने हेतु प्रथम स्तम्भ के अंतर्गत उत्पादन लागत को कम करना होगा तथा उत्पादकता को बढ़ाना होगा और दूसरे स्तंभ के रूप में किसानों को जरुरत है कि कृषि के साथ-2 इसको विविधीकृत करें और कृषि आधारित अन्य लाभकारी क्रियाकलापों यथा पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन, मतस्य पालन, मधुमख्खीपालन, मेड़ों पर इमारती लकड़ी के पेड़ लगाना को भी अपनाएँI
तीसरा एवं सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ ये है की किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए नजदीक में बाज़ार उपलब्ध हों तथा उनके उपज का उनको लाभकारी मूल्य मिल सकेI
“ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम)” योजना किसानों के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल प्रदान करती है और पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी मूल्य की खोज को सक्षम करती है। योजना के तहत एकीकृत विनियमित बाजारों में आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए उन्हें 30 लाख प्रति मंडी की दर से सहायता दी जाती है। इस वर्ष के बजट में इस राशि को रु.75 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
सिंह ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) योजना का पहला चक्र (2015-17) जुलाई 2017 तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि राज्यों ने 100% मृदा नमूना संग्रह अर्थात 253 लाख मिट्टी के नमूने और 244 लाख मृदा नमूनों का परीक्षण किया है। अभी तक 9 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किए गए हैं।