श्रीनगर/नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार रात आतंकियों ने हमला किया। आतंकियों ने बंटिगू एरिया में पहले पुलिस पार्टी पर हमला किया। फिर वहां अमरनाथ यात्रियों से भरी एक बस पर फायरिंग की। इस दौरान 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई, इनमें 5 महिलाएं हैं। 15 तीर्थयात्री जख्मी भी हुए हैं। बस बालटाल से मीर बाजार जा रही थी। होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल ने घटना की जानकारी पीएम को दी है।
आतंकियों ने हमला रात 8 बजकर 20 मिनट पर किया। घायल श्रद्धालुओं को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है।
बस गुजरात की बताई जा रही है और उसका अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं था। घटना के बाद राज्य में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है।
घटना के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने पीएमओ पहुंचकर एक हाईलेवल मीटिंग की। राजनाथ सिंह ने सीएम और गवर्नर से बात कर जख्मी लोगों की मदद का भरोसा दिलाया है।
बता दें कि सिक्युरिटी एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा के आतंकी निशाने पर होने की बात कही थी और अलर्ट जारी किया था। जिसके बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा किया गया था। कहा गया था कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान यात्रा में उनके साथ चल रहे हैं।
दर्शन कर लौट रहे थे श्रद्धालु
जम्मू-कश्मीर की सूचना मंत्री प्रिया सेठी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, “मारे गए सभी श्रद्धालु गुजरात के हैं।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बस में वलसाड के यात्री थे जो दर्शन कर लौट रहे थे। रास्ते में इनकी बस किन्ही वजहों से जत्थे से अलग हो गई। इसकी जानकारी सिक्युरिटी फोर्सेज को भी नहीं दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर की सूचना मंत्री प्रिया सेठी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, “मारे गए सभी श्रद्धालु गुजरात के हैं।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बस में वलसाड के यात्री थे जो दर्शन कर लौट रहे थे। रास्ते में इनकी बस किन्ही वजहों से जत्थे से अलग हो गई। इसकी जानकारी सिक्युरिटी फोर्सेज को भी नहीं दी गई थी।
बता दें कि रात में श्रद्धालुओं की बसों को चलने नहीं दिया जाता। सभी बसों को शाम 7 बजे बेस कैम्प पर पहुंचना होता है, लेकिन निशाना बनी बस तय वक्त तक बेस कैम्प पर नहीं पहुंची।
कमाई का बड़ा हिस्सा अमरनाथ यात्रा से
इस बीच, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है, “इस आतंकी वारदात से जम्मू-कश्मीर के लोगों को ज्यादा नुकसान होगा। उनकी रोजी-रोटी का एक बड़ा हिस्सा अमरनाथ यात्रा से आता है।”
यात्रा की ड्रोन कैमरों से निगरानी, 40000 जवान तैनात
डीआईजी सीआरपीएफ साउथ कश्मीर मोहससन शहीदी के मुताबिक इस साल सैटेलाइट्स और ड्रोन कैमरों के जरिए अमरनाथ यात्रा की निगरानी की जा रही है। पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ को मिलाकर यहां सुरक्षा बलों के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया गया है। शहीदी ने कहा था कि हर साल की तरह इस साल भी यह यात्रा शांतिपूर्ण तरीके मुकम्मल होगी। सीआरपीएफ का सेना, प्रशासन और अन्य सुरक्षा बलों के साथ बेहतर तालमेल है और जवान किसी भी हादसे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
40 दिन चलेगी अमरनाथ यात्रा
– अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी, जो 40 दिन तक चलेगी। इस दौरान श्रद्धालु जम्मू से बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा तक जाते हैं। इस साल 2.30 लाख लोगों ने इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
घुसपैठ की कोशिश नाकाम, 3 आतंकी ढेर
– उधर, कुपवाड़ा सेक्टर में सोमवार को सेना ने आतंकी घुसपैठ की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दी। इस दौरान 3 आतंकी मारे गए।
– दूसरी ओर, पाकिस्तान को सख्त मैसेज देते हुए सरकार ने पुंछ-रावलकोट बस सर्विस एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दी है।
– उधर, कुपवाड़ा सेक्टर में सोमवार को सेना ने आतंकी घुसपैठ की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दी। इस दौरान 3 आतंकी मारे गए।
– दूसरी ओर, पाकिस्तान को सख्त मैसेज देते हुए सरकार ने पुंछ-रावलकोट बस सर्विस एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दी है।