सोयाबीन के कृषकों को वैज्ञानिकों द्वारा सलाह दी गई है कि जिन कृषकों ने बुवाई के तुरंत बाद अनुशंसित खरपतवार नाशको का प्रयोग नही किया हो, वे खड़ी फसल में क्लोरीम्यूरांन इथाइल (36 ग्राम प्रति हेक्ट.) या इमाझेथापर (1.0 ली. प्रति हेक्ट.) या क्विजालोफाप इथाइल (1.0 ली. प्रति हेक्ट.) या फेनाक्सीफाप पी. इथाइल (0.75 ली.प्रति हेक्ट.) में से किसी एक को 500 ली पानी में मिलाकर फ्लड जेड़ या फ्लेट फेन नोजल का उपयोग कर समान रूप से खेत में छिड़काव करें। जहां पर नीला भृंग का प्रकोप हो क्विमॉलफॉस (1.5 ली. प्रति हेक्ट.) की दर से छिड़काव 500 ली. पानी के साथ करें अधिक वर्षा होने की स्थिति में खेत में किसान पानी निकासी की उचित व्यवस्था अवश्य करें।