नई दिल्ली। एक युवा सांसद ने किसानों की तरफ से सरकार से सवाल दर सवाल कर लाखों किसानों की दुखती रग पर हाथ रखा। सवाल तीखे थे, लेकिन रोज कह तरह संदन में हंगामा नहीं हुआ, बल्कि लोग ध्यान से सुनते रहे। इनमें सवाल ये भी था जहां नीतियां बनती हैं उसमें किसान को शामिल क्यों नहीं किया जाता।
करीब सवा 6 मिनट के इस भाषण में हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के युवा सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपना सवाल पूछा कि नीति आयोग समेत दूसरे विभागों में किसान या किसान की सोच वाले व्यक्ति क्यों नहीं हैं। कृषि संपन्न राज्य हरियाणा की लोकसभा सीट से सांसद ने पूछा कि सदन में कई बार बहस होती रही है, मैं तीन साल से सांसद हूं। इस दौरान भी कई बार बहस हुई है, लेकिन नीति निर्माण में कोई बदलाव नहीं हुआ। उन्होंने किसानों के लिए लागू होने वाली नीतियों के निर्माण में किसानों की भागीदारी नहीं होने पर सवाल उठाया।
चौटाला ने कहा कि सिर्फ नीति आयोग ही नहीं दूसरे सभी महत्वपूर्ण विभागों में किसान प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पहले जो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के वादे बीजेपी ने किए थे वो सत्ता में आते ही उस से मुकर गये, अब तो लिखित में सरकार ने कह दिया कि वो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करने जा रही। चौटाला ने अपने फेसबुक पर लिखा कि ऐसे में सरकार किस मुंह से किसान हितैषी होने का ढोंग रच रही है?
कौन हैं दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और किसान नेता रहे ओम प्रकाश चौटाला के पोते और इंडियन नेशनल लोकदल के वरिष्ठ नेता अजय सिंह चौटाला के बेटे हैं। 26 साल की उम्र में दुष्यंत 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की हिसार सीट से चुनकर लोकसभा पहुंचे।
दुष्यंत चौटाला की लोकसभा में बड़ी बातें
- नीति आयोग में किसानों को किया जाए शामिल।
- जीएसटी काउंसिल की तरह देश के सभी वित्त मंत्रियों को मिलाकर आयोग बने।
- किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए।
- किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज अदा करनी की सीमा एक साल हो।