संक्षिप्त विवरण
यह राज्य की योजना है जिसे वर्ष 2010-11 में प्रारंभ किया गया है।
योजना के उद्देश्य
प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण की गतिविधियों को समग्र रूप से विस्तारित करने के उद्देश्य से यह योजना प्रारंभ की गई है जिससे यंत्रीकृत कृषि के लाभों से कृषकों को परिचित कराया जा सके। छोटे कृषकों को यंत्रीकृत कृषि का लाभ मिल सके इस हेतु पावरटिलर को भी इस योजनांतर्गत प्रोत्साहित किया जा रहा है।
घटक एवं अनुदान पैटर्न
योजना के दो घटक है –
1. यंत्रदूत ग्रामों की स्थापना – इसके अंतर्गत प्रदेश में सामान्यतः अनुसूचित जाति/जनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर कृषकों की बाहुल्यता वाले ग्राम चयनित किये जाते है। निश्चित रूप से इन ग्रामों में कृषि यंत्रीकरण का स्तर भी कम ही रहता है। इन ग्रामों को कृषि यंत्रीकरण हेतु एक मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाता है तथा इन्हें यंत्रदूत ग्राम के नाम से पहचाना जाता है। इन ग्रामों में यंत्रीकृत कृषि के माध्यम से फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। मुखय गतिविधियां भूमि उर्वरता सुधार, बीज गुणवत्ता सुधार, बुवाई के तरीकों में सुधार, वैज्ञानिक पद्धतियों का पालन आदि होती हैं।
2. पावरटिलर पर 25 प्रतिशत टॉपअप अनुदान- इसके अंतर्गत लघु एवं सीमांत वर्ग के हितग्राहियों को सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइज़ेशन (SMAM) – कृषि यंत्रीकरण अंतर्गत देय अनुदान के अतिरिक्त राज्य शासन की ओर से 25 प्रतिशत अधिकतम रूपये 30,000/- तक का टॉपअप अनुदान दिया जाता है।
हितग्राही एवं पात्रता
1. यंत्रदूत ग्रामों की स्थापना – ऐसे ग्रामों का चयन किया जाता हैं जहां पर अनुसूचित जाति/जनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर कृषकों की बहुलता हो, कृषि यंत्रीकरण का स्तर कम हो तथा विशेष रूप से उपस्थित हो रही मिट्टी अथवा फसल संबंधित ऐसी समस्या होना जिसका निदान कृषि यंत्रीकरण के माध्यम से किया जाना संभव हो।
2. पावरटिलर पर 25 प्रतिशत टॉपअप अनुदान – हितग्राही लघु एवं सीमांत वर्ग का हो तथा सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइज़ेशन (SMAM) -कृषि यंत्रीकरण अंतर्गत पावरटिलर क्रय पर अनुदान प्राप्त किया हो। टॉपअप अनुदान 1 अप्रेल 2011 के बाद स्वीकृत प्रकरणों पर देय होगा।
आवेदन कैसे करें
पावर टिलर पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन अपने जिले के उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास कार्यालय में प्रस्तुत करे। टॉपअप अनुदान केवल केन्द्रीय योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त प्रकरणों पर ही दिया जाता है। केन्द्रीय योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिये संबंधित योजनांतर्गत आवेदन किया जाना होगा।