मुख्यमंत्री ने की उपार्जन व्यवस्थाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को उपार्जित गेहूँ की राशि का भुगतान अविलंब और सहजता से मिलना चाहिये। किसानों को भुगतान प्राप्त करने में किसी प्रकार की दिक्कत और देरी नहीं हो। श्री चौहान आज मंत्रालय में गेहूँ उपार्जन की अग्रिम तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने गेहूँ खरीदी, परिवहन, भंडारण और भुगतान संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ उपार्जन का कार्य गुणवत्ता, पारदर्शिता और परिपूर्णता के साथ हो। उपार्जन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी अथवा व्यवधान उत्पन्न नहीं होने पाये। उपार्जन से संबद्ध सभी एजेंसियाँ समन्वय और सामंजस्य के साथ समय-सीमा में अग्रिम तैयारियाँ कर लें। उपार्जन अवधि में वाणिज्यिक एवं सहकारी बैकों में पर्याप्त नगदी की उपलब्धता रहे। ग्रामीण अंचल में भंडारण का अग्रिम आकलन कर स्थानीय बैंक शाखाओं में आवश्यकतानुसार नगदी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने बैंक अधिकारियों से इस संबंध में अग्रिम व्यवस्थाएँ करने को कहा। साथ ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को उपार्जन के लिये भुगतान की अनुमानित राशि की आवश्यकता और उपलब्धता की जानकारी बैंकों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
श्री चौहान ने अनुमानित आवक के अनुसार बारदानों का अग्रिम भंडारण करने के लिये कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि खरीदी केन्द्र से भंडार गृह तक उपार्जित गेहूँ परिवहन की व्यवस्थाएँ समय-सीमा में करने की प्रक्रिया अपनायें। परिवहन कार्य की व्यवस्थाएँ पारदर्शी हों और उसकी सतत् मानीटरिंग की जाये। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 50 लाख बारदाने उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्रीमती नीलम शमी राव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल और बैंक अधिकारी उपस्थित थे।