मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शैक्षणिक गुणवत्ता के लिये शिक्षकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई है। उन्होंने परीक्षायें समाप्त होने के बाद शिक्षा विभाग को शिक्षक-प्रशिक्षण का व्यापक और विस्तृत कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिये हैं। श्री चौहान आज मंत्रालय में विकास के मानकों में पिछड़े आठ जिलों के कलेक्टरों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विकास के मानकों में सुधार के लिये अलग-अलग क्षेत्र पर फोकस कर सुधार के प्रयास किये जायें। जिले की स्थानीय परिस्थितियों, परिवेश और विशेषताओं के आधार पर कार्ययोजना बनाई जाये। कार्ययोजना लघु और दीर्घकालिक परिणामोन्मुखी बनाई जाये। पिछड़ेपन के लिये उत्तरदायी कारणों की समीक्षा करें। उनके सुधार के लिये उपलब्ध संसाधनों के क्षेत्रवार सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिये युक्तियुक्तकरण किया जाये। उन्होंने खेती की आय को बढ़ाने माइक्रो प्लान बनाने और उप स्वास्थ्य केन्द्र के संसाधनों के अनुसार ए.एन.एम. की पदस्थापना की जाये। जिला स्तर पर इसका युक्तियुक्तकरण करें।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री आर.एस.जुलानिया, अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के.सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णबाल, केन्द्र सरकार के अधिकारी और राजगढ़, छतरपुर, दमोह, विदिशा, गुना, बड़वानी, सिंगरोली और खण्डवा जिलों के कलेक्टर उपस्थित थे।