छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करने वाले मनचलों का जुलूस निकाला जाये
परिणाम नहीं देने वाले एस.पी. और आई.जी. को हटा दिया जायेगा
मुख्यमंत्री ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये दिये अधिकारियों को सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि गुण्डे और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करने वाले मनचलों का जुलूस निकाला जाये। उन्होंने कहा कि ‘मुझे अपराधियों के विरूद्ध कठोर एक्शन, एक्शन और केवल एक्शन चाहिये, हर हाल में परिणाम चाहिये’। परिणाम नहीं देने वाले एस.पी. और आई.जी. को हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर जगह पुलिस की सक्रियता दिखाई दे, जिससे नागरिकों में सुरक्षा का भाव पैदा हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग से प्रदेश के कमिश्नर-आई.जी.-कलेक्टर और एसपी को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि अपराधियों के विरूद्ध ऐसा एक्शन हो जिससे उनकी रूह काँप जाये। जनता के लिये खतरा बने गुण्डे और अपराधियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ें। हर हाल में आम जनता में विश्वास पैदा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हर जिले की रेटिंग की जायेगी। इस संबंध में सात दिन बाद पुन: समीक्षा की जायेगी। परिणाम नहीं देने वाले पुलिस अधीक्षकों और पुलिस महानिरीक्षकों को हटा दिया जायेगा। उन्होंने बेहतर कार्य करने वाले जिलों की सराहना भी की। इनमें इंदौर, धार, होशंगाबाद, शामिल हैं। साथ ही अपराधियों के विरूद्ध देरी से कार्रवाई करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने साफतौर पर कहा कि किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने रामनवमी आदि त्यौहारों में जुलूस के दौरान जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये।
भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन के लिये 21 मार्च को होगी विशेष ग्रामसभायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी और भावांतर भुगतान योजना में किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिये। इसमें किसानों के पंजीयन की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करें जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हो। किसानों तक यह जानकारी पहुँचे कि वे अपनी उपज आगामी 15 जुलाई तक बेच सकते हैं। तब तक भण्डार गृह में रख सकते हैं। उपज को भण्डार गृह में रखने का किराया सरकार देगी और किसान जरूरत होने पर 25 प्रतिशत तक का ऋण ले सकते हैं जिसका ब्याज भी सरकार भरेगी। भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन के लिये आगामी 21 मार्च को विशेष ग्रामसभाएँ की जायेंगी। साथ ही सत्यापन की कार्रवाई पूरी की जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को गेहूँ के समर्थन मूल्य 1735 रूपये प्रति क्विंटल के अलावा मुख्यमंत्री किसान समृद्धि योजना में उनके खातों में 265 रूपये प्रति क्विंटल के मान से अलग से प्रोत्साहन राशि जमा की जायेगी। यदि किसान मंडी में भी अपना गेहूँ बेचता है तो भी यह प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसके साथ ही पिछले वर्ष बेचे गये गेहूँ और धान पर भी दो सौ रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
गेहूँ खरीदी और भावांतर भुगतान योजना में कलेक्टर होंगे जिम्मेदार
श्री चौहान ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना राज्य सरकार की अदभुत महत्वाकांक्षी योजना है। सभी संभागायुक्त इसकी मॉनिटरिंग करें। इसके क्रियान्वयन में किसानों को दिक्कत आती है तो संबंधित जिला कलेक्टर को जिम्मेदार माना जायेगा। सात दिन बाद इसकी पुन: समीक्षा भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी 26 मार्च से शुरू होगी, इसकी भी पूरी व्यवस्था की जाये।
असंगठित श्रमिकों के पंजीयन का एक अप्रैल से चलेगा अभियान
हर जिले में होंगे श्रमिक सम्मेलन
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि असंठित श्रमिकों के पंजीयन के लिये आगामी एक से 14 अप्रैल के बीच अभियान चलायें। इसमें कोई भी पात्र श्रमिक छूटे नहीं। आगामी 16 अप्रैल से 15 मई के बीच सभी जिलों में श्रमिक सम्मेलन किये जायेंगे। इन सम्मेलनों में पात्र श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, पट्टा वितरण, उज्जवला योजना, ई-रिक्शा, हाथ ठेला, शिक्षा-चिकित्सा और प्रसूति सहायता आदि योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। साथ ही उन्हें कल्याण योजनाओं की जानकारी भी दी जायेगी। इन सम्मेलनों की बेहतर व्यवस्थाएँ की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिये ऐतिहासिक योजनाएँ बनाई गयी हैं। इन योजनाओं का लाभ पंजीकृत मजदूरों को ही मिलता है। इसलिये पंजीयन का कार्य शिविर लगाकर पूरी पारदर्शी तरीके से किया जाये। पंजीयन की प्रक्रिया आसान हो और इसमें श्रमिकों को परेशानी नहीं होना चाहिये। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे श्रमिकों को जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो, जो आयकर दाता नहीं हो, शासकीय सेवा में नहीं हो तथा दो हेक्टेयर से अधिक भूमिधारक नहीं हो वे, सभी असंगठित श्रमिक माने जायेंगे। पंजीयन नि:शुल्क होगा, जो पाँच वर्ष तक के लिये वैध माना जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों और श्रमिकों के हित में अदभुत और अभूतपूर्व योजनाएँ बनाई गई हैं। इन ऐतिहासिक योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी क्षमता और निष्ठा के साथ किया जाये, जिससे संबंधितों को इनका समुचित लाभ मिल सके। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता सहन नहीं की जायेगी।