कोई बड़ा बिज़नेसमैन सरकार के चाहे कितने भी पैसे लेकर क्यों न भाग जाए उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती क्योंकि को उनके वफादार होते है. सरकारी महकमों में बड़े बिज़नेसमैन चूना लगाते हैं. इसके बाद भरपाई मासूम किसानों को करनी पड़ती है. हाल ही में मौसम की जानकारी देने के नाम पर भारतीय स्टेट बैंक ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारक किसानों के खातों से बिना बताए 68 लाख रुपए काट लिए. इसका खुलासा तब हुआ जब राज्य सभा में सांसद रवि प्रकाश वर्मा की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से पूछे गए सवाल पर जवाब दिया गया. यह तब हुआ जबकि मौसम की जानकारी के लिए सरकार की ओर से टोल फ्री नंबर की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा सरकारी चैनल डीडी किसान द्वारा भी किसानों मौसम की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. फिर भी केसीसी धारक किसानों के खातों से इस सुविधा के नाम पर बैंक ने बड़ी धनराशि काट ली. केंद्र सरकार ने किसानों को मौसम की जानकारी लेने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 जारी किया था.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने किसानों को फसल और मौसम से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए रायटर्स मार्केटस लाइट इनफॉरमेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (आरएमएल) से राष्ट्रीय स्तर पर मार्च 2016 को समझौता किया था. जिसके तहत किसानों को एसएमएस और मोबाइल ऐप के माध्यम से मौसम की जानकारियां मुहैया करानी थी. इस सेवाओं के लिए किसानों से शुल्क के तौर पर 450 और 999 रुपए तय किया.
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने इस सेवा के नाम पर 60.24 लाख केसीसी धारक किसानों में से 1.62 लाख किसानों ने इस सुविधा का लाभ लिया. सुविधा लेने वाले इन किसानों में से 7,636 किसानों के खातों में से बिना लिखित सहमति लिए एसबीआई ने 68.04 लाख रुपए काट लिए. यानि बैंक बिना सहमति लिए किसानों के खातों से 999 रुपए लगातार काटता रहा. हालांकि एसबीआई की ओर से इन किसानों के खातों में पूरा पैसा वापस करने की बात कही गई है. इस तरह से बिना बताए किसानों के खाते से पैसा काटना पूरी तरह से गलत है. यह एक बड़ी राशी किसानों के खाते से काटी गई है.