छात्रवृत्ति के लिये वर्ष 2018-19 में 5.50 करोड़ का प्रावधान
राज्य शासन ने हर वर्ष पिछड़े वर्ग के 50 विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन के लिये छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है अब तक पिछड़ा वर्ग के मात्र 10 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये विदेशों में अध्ययन करने के लिये हर वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाती थी। इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिये उच्च शिक्षा योजना के नियम-2007 में आवश्यक संशोधन किये गये हैं। इस संशोधन के मुताबिक भविष्य में क्यू,एस रैंक 500 तक की संस्थाओं में अध्ययन के लिये भी विद्यार्थियों को अनुमति प्रदान की जायेगी।
सचिव पिछड़ा वर्ग श्री रमेश थेटे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018-19 में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिये बजट में 5 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि विदेशों में उच्च शिक्षा विषयक पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी और शोध उपाधि के अध्ययन के लिये पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।