वचन-पत्र के एक और महत्वपूर्ण बिन्दु पर अमल
श्री सिंह ने बताया कि अभी विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय टेरिफ अनुसार अगर कृषक 5 हार्स पावर का स्थायी कृषि उपभोक्ता है, तो उसका सालाना 46 हजार 55 रुपये का विद्युत बिल बनता है। इसमें 7 हजार रुपये किसान देता है। यह दर 88 पैसे प्रति यूनिट पड़ती थी। शेष 39 हजार 55 रुपये सरकार देती है।
ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि अब 46 हजार 55 रुपये में से मात्र 3500 रुपये किसान देगा। यह दर अब 44 पैसे प्रति यूनिट होगी। शेष 42 हजार 555 रुपये सरकार देगी। किसानों के लिये कुल सबसिडी जो पहले 9 हजार 700 करोड़ दी जाती थी, वह अब 10 हजार 400 करोड़ रुपये दी जायेगी।
इसी प्रकार 10 हार्स पावर तक के किसानों को प्रति वर्ष प्रति हार्स पॉवर 1400 रुपये के स्थान पर 700 रुपये देने होंगे। इससे लगभग 19 लाख किसान लाभांवित होंगे। अस्थायी कृषि उपभोक्ताओं से अब 3.84 यूनिट के स्थान पर 1.92 प्रति यूनिट लिया जायेगा। मीटरयुक्त स्थायी कृषि संयोजन के ऊर्जा प्रभार की दर आधी होगी।
अजा-अजजा के किसानों को पूरी छूट
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हार्स पावर तक ( अंत्योदय परिवार) को पहले की तरह बिजली बिल में पूरी छूट मिलेगी। इससे लगभग 8 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
लगभग 29 लाख किसान होंगे लाभान्वित
योजना में 5 हार्स पावर तक के 16 लाख स्थायी उपभोक्ता, 5 से 10 हार्स पावर तक के लगभग 3 लाख स्थायी और 2 लाख अस्थायी कृषि उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 8 लाख किसानों को नि:शुक्ल बिजली की सुविधा जारी रहेगी।