बजट 2019 से उम्मीद की जा रही थी कि इसमें कृषि पर विशेष फोकस रहेगा और छोटे किसानों को बाजार की सहूलियत देने के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ाए जाने पर जोर दिया जाएगा, ऐसा देखने को भी मिला है। मोदी सरकार के बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। वित्तमंत्री ने महात्मा गांधी की कही बात से किसानों के लिए बजट में दिए गए प्रस्तावों की शुरुआत करते हुए कहा कि असल भारत गांव में बसता है और गांव और किसान उनकी हर योजना का केंद्र बिंदु होगा।
बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे। भारत अब दाल में आत्म निर्भर हो गया है, इसके लिए देश के सभी किसानों को धन्यवाद देते हैं। हमें किसानों से उम्मीद करते हैं कि ऐसी ही कामयाबी वे हमें तिलहन में भी दिलाएंगे। सरकार कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में जबरदस्त निवेश कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही 10000 नई किसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को ईएनएएम से लाभ उठाने की अनुमति देने के उपाय किए गए हैं। किसानों को व्यापार करने और जीवन जीने में आसानी के लिए उपाय उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को उस स्थिति में पहुंचाना है जहां पर जीरो बजट खेती कर सकें। इस तरह की खेती में किसान को बाजार पर निर्भर नहीं होना पड़ाता है और ये काफी सस्ती भी है।
उन्होंने कहा कि किसानों को पहले से ही प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि दोहरी आय हासिल करने में किसानों की मदद की जा सके। एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 10000 नई एफपीसी के निर्माण का समर्थन किया गया है। राज्यों के साथ मिलकर ईएनएएम को लागू करने की योजना है। जीरो बजट खेती के मॉडल को आगे बढ़ाया जाएगा।
सीतारमण ने कहा हमारा लक्ष्य है कि साल 2024 तक गांव के हर घर तक जल पहुंचा जाए। इसमें हर घर में टंकी से पानी पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह काम जल जीवन मिशन के तहत किया जाएगा। इसमें हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने की कोशिश रहेगी।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत सरकार का 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है। लोगों का आवास उपलब्ध कराने में तेजी लाई गई है। पहले आवासों को बनाने में जहां 314 दिन लग रहे थे, अब 114 दिन लगते हैं। उन्होंने उज्ज्वला योजना के तहत गांव में मिले एलपीजी कनेक्शन, बिजली की सुविधा का भी जिक्र किया। वित्त मंत्री ने बताया कि 2022 तक सभी गांव के सभी परिवारों को बिजली और एलपीजी गैस की सुविधा दी जाएगी।
जानिए कृषि, किसान के लिए वित्त मंत्री ने क्या-क्या कहा
-सीतारमण ने महात्मा गांधी की कही बात से शुरुआत की। उन्होंने कहा कि असल भारत गांव में बसता है और गांव और किसान उनकी हर योजना का केंद्र बिंदु होगा।
-किसानों का जीवन और व्यवसाय आसान बनाने के लिए काम किए जाएंगे। सीतारमण ने कहा कि सरकार कृषि अवसरंचना में निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि आजादी की 75वीं सालगिरह तक किसान की आय दोगुनी करने की कोशिश।
-अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने पर होगा काम। किसानों के उत्पाद से जुड़े कामों में प्राइवेट आंत्रप्रेन्योरपिश को बढ़ावा दिया जाएगा।
-सीतारमण ने कहा कि 2024 तक गांव के हर घर तक जल (पानी) पहुंचाया जाएगा। इसमें हर घर में टंकी से पानी पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह काम जल जीवन मिशन के तहत किया जाएगा। इसमें हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने की कोशिश रहेगी।
-वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2019-20 से 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान मुहैया कराये जाएंगे। इनमें रसोई गैस, बिजली और शौचालयों जैसी सुविधा होगी। सीतारमण ने बताया कि पहले आवासों को बनाने में जहां 314 दिन लग रहे थे, अब 114 दिन लगते हैं।
-ग्राम सड़क योजना पर वित्त मंत्री ने कहा कि योजना का 97 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि आने वाले साल में 1,25,000 किलोमीटर सड़क बनने के लिए 80,250 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अबतक बनी गावों की सड़कों का 30,000 किलोमीटर हिस्सा ग्रीन तकनीक से बनी है। इसमें वेस्ट प्लास्टिक और कोल मिक्स्ड टेक्नॉलजी से कार्बन फुटप्रिंट को कम किया गया है।
-सीतारमण ने उज्ज्वला योजना के तहत गांव में मिले एलपीजी कनेक्शन, बिजली की सुविधा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2022 तक सभी गांव की सभी फैमिली को बिजली और एलपीजी गैस की सुविधा दी जाएगी। सीतारमण ने कहा कि जो लोग कनेक्शन नहीं लेना चाहते, उन्हें छोड़कर 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।
-अगले 5 सालों में 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे।
-2019-20 के दौरान 100 नए बांस, शहद और खादी कलस्टर की स्थापना होगी। ऐसे उद्योगों में कौशल विकास के लिए 80 आजीविका बिजनस इंक्यूबेटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ आईटी विकास के लिए 20 बिजनस इंक्यूबेटर बनाए जाएंगे।
मछुआरे के लिए भी ऐलान। प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना के तहत मत्स्यिकी ढांचे की स्थापना होगी।
-प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत 2 करोड़ गांव बने डिजिटल साक्षर।
-वित्त मंत्री ने बताया कि 5.6 लाख गांव अबतक खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। सीतारमण ने कहा कि 2 अक्टूबर, 2019 को भारत खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा।