जीएसटी बिगाड़ेगा उर्वरक कंपनियों का गणित, दाम बढने की आशंका
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में करों के उलट-फेर से उर्वरक कंपनियों के मार्जिन पर तगड़ी चोट पड़ सकती है। इस समय उर्वरक की बिक्री पर 6 प्रतिशत शुल्क लगता है, जिसमें 1 प्रतिशत उत्पाद शुल्क भी शामिल है। उसके अलावा 6 प्रतिशत मूल्यवद्र्घित कर (वैट) भी उस राज्य सरकार वसूला जाता है। शुल्क का इनपुट टैक्स क्रेडिट होता है।
किंतु जीएसटी प्रणाली में तैयार उर्वरक पर कुल 12 प्रतिशत कर लगेगा। इस तरह कंपनियों के 6 प्रतिशत शुल्क की भरपाई नहीं हो पाएगी। यदि उसकी भरपाई करनी है तो सब्सिडी में उतना ही इजाफा करना होगा। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो कंपनियों को यह बोझ उपभोक्ताओं पर डालना होगा और इसके लिए वे उर्वरको के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) बढ़ाएंगी। यदि ऐसा हुआ तो यूरिया, डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी और नाइट्रोजन, पोटेशियम तथाफॉस्फोरस सहित अन्य उत्पाद) की कीमतों में 6 से 11 प्रतिशत और 8.10 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है।
आपको बता दे, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीमा से अधिक क्रेडिट की संभावना से से इनकार किया है, जिसका सीधा मतलब हुआ कि तय सीमा से अधिक इनपुट क्रेडिट नहीं दिया जाएगा। लिहाजा उर्वरक कंपनियों पर दबाव और बढ़ जाएगा।