उद्देश्य
- अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक, विजेता या प्रथम स्थान पर रहे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना।
- सर्वोत्कृष्ट खिलाड़ियों को जब वे अपनी सफलता की ऊंचाई पर हो, प्रोत्साहित करना।
- प्रदेश के ऐसे सीनियर एवं जूनियर वर्ग के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पुरस्कृत करना जिन्होंने किसी अधिकृत अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया हो।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले म.प्र. के भूतपूर्व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना जिन्होंने देश का गौरव बढ़ाने में महती भूमिका निभाई हैं।
योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र
- खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए शासन द्वारा बनाये गये नियमों के अनुसार अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में व्यक्तिगत#दलीय खेलों में पदक विजेता रहे प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान अर्जित करने पर क्रमश: रु. 600#-, रु. 500#- एवं रु. 400#- मासिक की राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
- अधिकृत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विगत 5 वर्षाें में कम से कम 2 वर्ष तक सीनियर एवं जूनियर वर्ग की प्रतियोगिता में भारतीय दलमें मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने पर विक्रम, एकलव्य पुरस्कार से क्रमश: रु. 50,000#- एवं रु. 25,000#- की नगद राशि प्रदान कर सम्मानिक किया जाता है। इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले उत्कृष्ट प्रशिक्षकों को रु. 50,000#- की राशि विश्वामित्र पुरस्कार के रूप में तथा प्रतिवर्ष प्रदेश की एक ख्याति प्राप्त खेल हस्ती को रु. 50,000#- का लाईफ टाईम एचीवमेन्ट अवॉर्ड प्रदान किया जाता है।
- अधिकृत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारतीय टीम में म.प्र. का प्रतिनिधित्व करते हुए सीनियर एवं जूनियर वर्ग में खिलाड़ी द्वारा पदक अर्जित किया गया हो उन्हें शासन द्वारा बने नियमों के आधार पर पुरस्कृत किया जाता है।
- जिन भूतपूर्व खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं (ओलम्पिक वर्ल्ड चैम्पियनशिप, वर्ल्ड कप एशियाड, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच) में पदक प्राप्त किया हो उन्हें 55 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत रु. 5,000#- प्रतिमाह के मान से आजीवन सम्मान निधि प्रदान की जाती है।
हितग्राही चयन प्रक्रिया- इस हेतु बनाये गये नियमानुसार।
लाभान्वित हितग्राहियों अनुमानित संख्या- लगभग 5000।
संपर्क- संचालक , खेल एवं युवा कल्याण , म . प्र . तथा संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक।