उद्देश्य- सूचना शिक्षा एवं प्रसार के माध्यम से ग्रामीण जनता में स्वच्छता तथा स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर लोगों में जागरूकता पैदा कर स्वच्छता संबंधी स्थितियां निर्मित करना व प्रदूषित पानी व अस्वच्छता से होने वाली बीमारियों में कमी लाना ।
योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र-
1. प्रदेश के संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को खुले में शौच की स्थिति से मुक्त कराना व प्रत्येक परिवार द्वारा स्वच्छ शौचालयों का निर्माण करना।
2. शासकीय भवन वाली शालाओं एवं आंगनवाड़ियों में स्वच्छता परिसर का निर्माण।
3. सामुदाय के स्नान के लिए, कपड़े धोने और शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ‘सामुदायिक स्वच्छता परिसर’ का निर्माण करना।
4. व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में प्रयुक्त सामग्री मुख्यत: शौचालय पैन व अन्य संबंधित सामग्री व्यवस्था हेतु उत्पादन या ग्रामीण स्वच्छता कोर्ट की स्थापना जैसे कार्य करना।
योजनान्तर्गत प्रस्तावित कार्यों का विवरण निम्नानुसार है-
(1) व्यक्तिगत पारिवारिक स्वच्छ शौचालय- के लिए गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को 80 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
गरीबी रेखा से ऊपर के हितग्राहियों को कोई अंशदान न देकर सिर्फ तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को शौचालय निर्माण के लिए ऋण सुविधा प्रदाय की जा सकती है।
(2) योजना में सामुदायिक स्वच्छता परिसर, स्कूलों में शौचालय निर्माण तथा ठोस एवं तरल कूडा करकट के निपटान व प्रबंधन के लिये निर्माण कार्य कराये जा सकते है।
पात्र हितग्राही- कोई भी ग्रामीण इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय के लिये तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। किन्तु ग्राम पंचायत में सूचीबध्द गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को अनुदान का प्रावधान है।
संपर्क- ग्राम पंचायत कार्यालय।