समाज की सक्रिय सहभागिता से ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ अभियान बहुत सफल रहा। इस अभियान में 148 दिनों में 3350 किलोमीटर की यात्रा तय की गई और 15 लाख से अधिक लोगों ने माँ नर्मदा को स्वच्छ, निर्मल और पवित्र बनाये रखने का संकल्प लिया। प्रदेशवासियों ने जिस उत्साह, उमंग और आत्मीयता के साथ इस अभियान में हिस्सा लिया, उससे पता ही नहीं चला कि मध्यप्रदेश सरकार का यह अभियान कैसे, धीरे-धीरे जन-जन के अभियान में परिवर्तित होता चला गया। इस अभियान में 500 से अधिक सभी धर्मों के गुरुओं, पर्यावरणविद्, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनैतिक दलों के प्रमुख व्यक्तियों, संयुक्त राष्ट्र संगठनों के पदाधिकारियों, फिल्म एवं खेल जगत की प्रमुख हस्तियों सहित कई मुख्यमंत्रियों और केन्द्रीय मंत्रियों की उपस्थिति ने इस अभियान को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। यह अभियान पूरी दुनिया में लोगों को नदियों के प्रति जागरूक करने और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करने का माध्यम बन गया। यह अभियान सामाजिक-समरसता और सौहार्द का भी बड़ा प्रतीक बन गया।
नमामि देवि नर्मदे-नर्मदा सेवा यात्रा अभियान के दौरान लाखों प्रदेशवासियों ने यह प्रण लिया था कि 2 जुलाई को माँ नर्मदा के दोनों तटों सहित पूरे नर्मदा कछार में लाखों लोग मिलकर एक साथ 6 करोड़ पौधों का रोपण करके इतिहास बनायेंगे और माँ नर्मदा में जल की धार बढ़ाएंगे। नर्मदा सेवा यात्रा की पूर्णता के अवसर पर हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी लाखों लोगों की उपस्थिति में माँ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में हम सभी को आने वाली पीढ़ी के प्रति अपनी जिम्मेदारी के लिए आगाह किया था। इस मौके पर उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से नर्मदा कछार में 2 जुलाई 2017 को बढ़-चढ़कर पौध-रोपण करने का आव्हान किया था। हम सभी ने अपने-अपने हाथ उठाकर पौध-रोपण के इस संकल्प को पूरा करने के लिए उत्साह के साथ सहमति व्यक्त की थी।
मुझे आज इस बात की खुशी है कि जिस 2 जुलाई का हम सभी बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, वह दिन अब आ चुका है। यह दिन देश और प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पर्यावरण और नदी संरक्षण के क्षेत्र में एक इतिहास बनने जा रहा है। आपको और हम सबको इस बात पर गर्व होगा कि हम सभी इस ऐतिहासिक दिन के साक्षी बनेंगे। पूरी दुनिया में इससे पहले कभी भी पर्यावरण और नदी को समृद्ध करने के लिए इतने बड़े स्तर पर कोई सामूहिक प्रयास और सामाजिक सहभागिता देखने को नहीं मिलती है। इस दो जुलाई के दिन, प्रदेशवासियों, माँ नर्मदा, मध्यप्रदेश और हमारे भारत देश का नाम पूरी दुनिया में इस पुनीत कार्य के लिए इतिहास में दर्ज हो जायेगा।
मध्यप्रदेश में इस पौध-रोपण कार्यक्रम के लिए नर्मदा तट और नर्मदा कछार के सभी 24 जिलों में पौध-रोपण के लिए जागरूकता और कार्यक्रम की सफलता के लिए तैयारियाँ काफी बड़े पैमाने पर की गई हैं। वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विकास तथा किसान-कल्याण विभाग, उद्यानिकी विभाग और जन अभियान परिषद के सभी लोगों ने कार्यक्रम की तैयारियों में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। जन-जागरूकता के लिए प्रदेश के सभी 51 जिलों में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन से ‘पेड़ लगाओ यात्राओं’ का आयोजन किया गया। इस यात्रा में ‘धरती पर कम न हों वन, ध्यान रखें हम मानव जन’ जैसे नारे, लोगों के बीच में गाँव-गाँव तक बहुत लोकप्रिय हुए। गाँवों और कस्बों में छोटे-छोटे बच्चे तक बड़े प्यार और सुन्दर भावनाओं के साथ इन नारों को गा-गा कर लोगों को सुना रहे थे। यह सभी की जुबान पर चढ़ गये थे। सभी लोग माँ नर्मदा को हरियाली चुनरी ओढ़ाने के लिए बहुत ही भावुक थे। इस पौध-रोपण कार्यक्रम में हिस्सेदारी के लिए लोगों के उत्साह का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो जुलाई के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इस अभियान की वेबसाइट पर लगभग 6 लाख व्यक्तियों और सामाजिक या स्वयंसेवी संगठनों ने पंजीयन करवाया है। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि इस अभियान से जुड़ने के लिए 5 लाख व्यक्तियों ने ‘ऑफ लाइन’ पंजीयन भी कराया है।
वन विभाग तथा उद्यानिकी विभाग द्वारा पौधे तैयार करा लिये गये हैं। पौध-रोपण के लिए गढ्ढों की खुदाई हो चुकी है। पौधों को लाने-ले जाने के लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था की गई है। पौधों को चुनते समय हमने इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि पौध-रोपण में फलदार और छायादार पौधों का रोपण अधिक किया जाये, जिससे कि आने वाले समय में यह पौधे आमजन के लिए अधिक से अधिक उपयोगी हो सकें। हमने इन पौधों में आम, आँवला, नीम, पीपल, बरगद, जामुन, बाँस, इमली, संतरा, नींबू, अमरूद, मुनगा और अनार जैसे फलों को प्राथमिकता दी है।
इस ऐतिहासिक दिन के सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। बस, आप सभी का इंतजार है। आइये, हम सभी मिलकर नर्मदा कछार में 6 करोड़ पौधों को लगाकर माँ नर्मदा में जल की मात्रा बढ़ायें, माँ नर्मदा को स्वच्छ और निर्मल बनायें, नर्मदा कछार सहित पूरे प्रदेश के पर्यावरण को शुद्ध, हरा-भरा और प्रदूषण रहित बनायें, किसानों को स्वच्छ पेय और सिंचाई जल उपलब्ध करायें, प्रदेशवासियों को स्वस्थ जीवन दिलायें, अपनी आने वाली पीढ़ियों के जीवन को सुरक्षित बनायें और पूरी दुनिया को पर्यावरण और नदियों के संरक्षण का संदेश देकर एक इतिहास बनायें। माँ नर्मदा हम सभी का आव्हान कर रही हैं। आइये, माँ नर्मदा के सच्चे सपूत की तरह माँ नर्मदा की सेवा में कुछ समय लगायें।
कल-कल, छल-छल बहे नर्मदा की कामना के साथ, आप सभी का अभिनन्दन है।
ब्लॉगर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं