मौसम में तापमान परिवर्तन के कारण बुखार, जुकाम और खांसी की समस्या आम हो गई है।साथ ही कोरोना इन्फेक्शन का भी डर है |
ऐसे में कुछ लोगों को बुखार आदि से कुछ समय बाद आराम तो हो जाता है लेकिन खांसी बरकरार रहती है।
ऐसे में नैचुरोपैथी में कुंजल क्रिया के अलावा लपेट विधि और भाप लेने की प्रक्रियाओं से फेफड़ों को राहत मिलने से बलगम से छुडक़ारा मिल सकता है।
जानते हैं इन क्रियाओं को करने का तरीका और होने वाले लाभ के बारे में
भाप लेना
ऐसे करें: एक बर्तन में पानी भरकर नीलगिरी के तेल की कुछ बूंंदें एवं कपूर की हलकी चने बराबर मात्रा डालें। इस पानी को पहले इतना गर्म कर लें कि भाप लेने में दिक्कत न आए।
अच्छे से गर्म होने के बाद तौलिया सिर पर लेकर चेहरे के आगे तक ऐसे लटका लें कि भाप नाक से सीधी सीने में महसूस हो।
इस दौरान बीच-बीच में सामान्य सांस लें।
ये न करें
सांस लेने में दिक्कत या एलर्जी की समस्या है तो इसे करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
साथ ही यदि सिरदर्द या माइग्रेन है तो भी ध्यान रखें।
फायदे :
इससे फेफड़े खुलेंगे और सांसनली और आसपास जमा कफ बाहर निकलेगा। खांसी में लाभ होगा।
पट्टी विधि
ऐसे करें : गर्म पानी से ५-१० मिनट के लिए भाप लें।
उसके बाद सीने या फेफड़े की तरफ शरीर के बाहर से सूती या ऊनी कपड़े को ३० मिनट के लिए हल्के रूप से लपेट दें ताकि भाप से शरीर में गई गर्मी अंदर बरकरार रहे।
ये न करें : हाल ही पेट या फेफड़े से जुड़ी कोई सर्जरी हुई हो या पेट व सीने में दर्द की समस्या हो तो इस क्रिया को करने से बचें।
दोपहर के खाने के ५ घंटे बाद इसे करें।
फायदे : इस विधि से शरीर के अंदरुनी हिस्सों में जमा ठंड के कारण कफ पिघलकर निकलेगा।
ध्यान रखें ये बातें : कुंजल विधि को खाली पेट करें।
इन क्रियाओं को सुबह-शाम कर सकते हैं। खांसी की गंभीर समस्या मेें नियमित गरारे करें।
भाप लेने के ५ मिनट बाद ही ठंडा पानी पीएं। इन प्रक्रियाओं को किसी प्रशिक्षित की देखरेख में ही करें।
अन्य जानकारी
- पल्मरा यूकेलिप्टस (निलगिरी तेल )ऑयल खांसी, सिरदर्द, ठंड, शरीर में दर्द, गठिया, हल्के बुखार, गले में दर्द, डेंगू बुखार को ढीला करने में मदद करता है.
- नीलगिरी के तेल को दर्द और श्वसन पथ श्लेष्म झिल्ली के सूजन के लिए सामान्य रूप से लिया जाता है.
- यह कीट काटने और डंक के लिए भी एक प्रभावी साल्व है.
- Nilgiri यूकेलिप्टस ऑयल मांसपेशियों में दर्द में मदद करता है – नीलगिरी तेल की मालिश शरीर में दर्द में मदद करता है.
- अपने सिर पर एक तौलिया डालकर उबलते पानी और श्वास में Nilgiri ऑयल की 5-6 बूंद जोड़ें.
- स्नान करते समय पानी में नीलगिरी आवश्यक तेल की कुछ बूंदों को मिलाएं, यह दिमाग, शरीर को आराम करने में मदद करता है. .
किसी भी होमोपथी मेडिकल पर ख़रीदे |
नोट: सामान्य इन्फेक्शन में राहत मिल सकती है , फेफड़े के इन्फेक्शन में रहत मिल सकती है पर कोरोना का इलाज सिर्फ डॉक्टर की देखरेख में ही करे | सावधानी वरते मास्क या रुमाल को दोहरा तिहरा कर मास्क लगाये भीड़ भाड़ से बचे |
अतिआवश्यक हो तभी शहर या गॉव से बहर जाये घर आकर साबुन से हाथ पाव धुले नहाये |