बजट 2018: लागत का 1.5 गुना होगी MSP, एग्रीकल्चर को कुल 63,836 करोड़ का आवंटन
हर साल बजट आता है और किसानों के लिए हर साल सरकार कुछ नया लेकर आती है. हर साल बजट में बदलाव होता है. लेकिन किसान की हालत जस की तस बनी हुई है. इस साल का बजट सरकार ने घोषित कर दिया है. इसी के साथ इसमें कई नई चीजे शामिल हुयी है .जिससे कि किसानों को लाभ मिलेगा. यह कहना तो मुश्किल है कि किसानों को इस बजट के बढाने से कितना लाभ मिलेगा. वैसे तो 2018-19 के इस बजट को आम आदमी और किसानों का बजट कहा जा रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानो और कृषि के लिए इस तरह से बजट घोषित किया है. जिस तरीके से सरकार साल 2022 तक किसानों कि आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य घोषित किया है. उसको पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रही है. इसी को ध्यान में रखते सरकार ने बजट भी घोषित कर दिया है
खेती-किसानी पर जेटली की महत्वपूर्ण बातें
-86 प्रतिशत से ज्यादा किसान छोटे या सीमांत किसान हैं। इनके लिए मार्केट तक पहुंचना आसान नहीं है। इसलिए सरकार इन्हें ध्यान -रखकर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी।
-हम वर्षों से कहते आ रहे हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। ऐसे में हमें हमारे जिलों में क्लस्टर बेस्ड डिवेलपमेंट मॉडल तैयार करने की आवश्यकता है।
-देश के किसानों के अथक परिश्रम का परिणाम है।
-लगभग 300 मिलियन टन फलों और सब्जियों का रेकॉर्ड उत्पादन हुआ है।
-ई-नैम को भी हमने किसानों को तहत जोड़ा है। ताकि किसानों को जहां ज्यादा मूल्य मिलती है।
-585 epmc को ई-नैम के जरिए जोड़ा जाएगा। यह काम मार्च 2019 तक ही खत्म हो जाएगा।
-जितने गांव हैं उनको कृषि के बाजारों के साथ बढ़िया सड़क मार्गों से जोड़ने की योजना है।
-हमारे जिले में क्लस्टर मॉडल पर विकसित करने की आवश्यकता है।
बजट – 2018-19 में किसानों के लिए की गई यह अहम घोषणाएं:-
2000 करोड़ से कृषि बाजार और संरचना कोष की स्थापना की जाएगी। इसका मकसद 22 हजार ग्रामीण एग्रीकल्चर मार्केट और 585 एपीएमसी में एग्रीकल्चर मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।
मौजूदा 22 हजार रूरल हाट को एग्रीकल्चर मार्केट के रूप में बदला जाएगा और इन्हें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ई नैम से जोड़ा जाएगा।
– इसकी बदौलत छोटे किसान भी अपनी उपज सीधे कंज्यूमर या व्यापारी को बेच सकेंगे।
– सरकार का मकसद एग्री एक्सपोर्ट को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है।
– 1290 करोड़ रुपए से राष्ट्रीय बांस मिशन बनाने का प्रस्ताव।
– 2000 करोड़ से कृषि बाजार और संरचना कोष की स्थापना की जाएगी।
– मछलीपालन और पशुपालन को प्रमोट करने व इन कामों में लगे लोगों के वेलफेयर के लिए 10 हजार करोड़ के दो फंड बनाए जाएंगे।
– इस बार कृषि लोन के लिए 11 लाख करोड़ का लक्ष्य।
– सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा दिया है।
– पशुपालन और मछली पालन के लिए भी मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड।
– 42 मेगा फूड पार्क को अत्याधुनिक बनाया जाएगा।
– फार्म कमोडिटीज के निर्यात के नियमों को उदार बनाया जाएगा
– फूड प्रोसेसिंग सेक्टर 8 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। फूड प्रोसेसिंग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवंटन को पिछले साल के 715 करोड़ से बढ़ाकर 1400 करोड़ कर यानी करीब दोगुना कर दिया गया है।
– मेडिसिनल और एरोमेटिक प्लांट्स की खेती को प्रमोट करने के लिए 200 करोड़ का आवंटन।
– होर्टीकल्चर फसलों के लिए क्लस्टर बेस्ड मॉडल होगा डेवलप।
– फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 14 अरब रुपए का आवंटन।
– पशुपालन और मछलीपालन करने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ।
– सालाना 100 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली एग्री बेस्ड कंपनियों को 2018-19 से लेकर 5 वर्षों तक 100 फीसदी टैक्स छूट मिलेगी।
– किसानों व उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ऑपरेशन ग्रीन लॉन्च किया गया है। इसके लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
– महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाले लोन की राशि को पिछले साल के 42500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2019 में 75000 करोड़ रुपए किया जाएगा।