नई दिल्ली। देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने उनको बड़ी राहत देते हुए सस्ते कर्ज की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को इस साल भी सस्ता फसली ऋण मिलेगा। इसके अलावा किसानों को अपनी उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए भी सस्ता कर्ज मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया।
इस फैसले के मुताबिक जो किसान नियमित रूप से सही समय पर अपने कर्ज का भुगतान करते हैं उन्हें चार फीसदी की घटी दर पर यह कर्ज उपलब्ध होगा। किसानों को फसल के लिए सस्ता कर्ज मिलता रहे इसके लिए सरकार ने 20,339 करोड़ रुपए के कोष की मंजूरी दी है। इसके अलावा किसानों को फसल कटाई के बाद अपनी उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए भी सात फीसदी की सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध होगा। यह व्यवस्था छह महीने के लिए होगी।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने उनकी पुनर्गठित कर्ज राशि पर पहले साल के ब्याज पर दो फीसदी ब्याज सहायता देने का फैसला किया है। ये सारे फैसले बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में किए गए। बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में बताया गया – मंत्रिमंडल ने 2017-18 के लिए ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दे दी है, सरकार ने इसके लिए 20,339 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है।
बयान के अनुसार बेहतर कृषि उपज हासिल करने में कर्ज एक बड़ी भूमिका निभाता है और इसके लिए संस्थागत कर्ज उपलब्धता होने से किसानों को महाजनों और दूसरे स्रोतों से ऊंची दर पर कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी फसल ऋण से जोड़ा गया है, इसलिए किसानों को सरकार की ओर से शुरू की गई इन दोनों योजनाओं का लाभ मिलेगा।
किसानों के लिये ब्याज सहायता की यह योजना 2006-07 से चल रही है और अब यह चालू वित्त वर्ष के दौरान भी जारी रहेगी। इस वर्ष के दौरान इस योजना पर अमल राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण बैंक, नाबार्ड और रिजर्व बैंक की ओर से किया जाएगा। आमतौर पर कृषि ऋण नौ फीसदी की दर पर होता है, लेकिन सरकार किसानों का फसली ऋण घटी दर पर उपलब्ध हो इसके लिए ब्याज सहायता देती रही है। इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भी फसली ऋण पर दो फीसदी ब्याज सहायता जारी रखने का फैसला किया है। यह सहायता तीन लाख रुपए तक के फसली ऋण पर उपलब्ध होगी।