नई दिल्ली. अनिल कुंबले के टीम इंडिया के हेड कोच की पोस्ट से हटने के पीछे कई वजहें शामिल हैं। कुंबले का ट्वीट किया थैंक-यू लेटर इन वजहों की तरफ इशारा करता है। उन्होंने इस लेटर में बताया कि कैसे बोर्ड ने गलतफहमियां दूर करने की कोशिश की लेकिन नतीजा नहीं निकला। यह भी बताया कि कैसे विराट ने बोर्ड को दोटूक बता दिया था कि उन्हें कुंबले के तौर-तरीके पसंद नहीं हैं। भास्कर के क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन भी बताते हैं कि कैसे पूरे बोर्ड और सचिन-सौरव-लक्ष्मण की एडवाइजर कमेटी ने विराट की जिद के आगे सरेंडर कर दिया|
क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन के मुताबिक…
1) एक गुट हावी हो गया है
‘‘भारतीय क्रिकेट के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है, जब किसी कप्तान की जिद के सामने बीसीसीआई को झुकना पड़ा। कप्तान विराट आैर कोच अनिल कुंबले का विवाद चैंपियंस ट्रॉफी के समय परवान चढ़ा। कुंबले कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे। लेकिन विराट गुट विवादों को हवा दे रहा था।’’
1) एक गुट हावी हो गया है
‘‘भारतीय क्रिकेट के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है, जब किसी कप्तान की जिद के सामने बीसीसीआई को झुकना पड़ा। कप्तान विराट आैर कोच अनिल कुंबले का विवाद चैंपियंस ट्रॉफी के समय परवान चढ़ा। कुंबले कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे। लेकिन विराट गुट विवादों को हवा दे रहा था।’’
2) पर्दे के पीछे का खेल कुंबले को समझ आ गया
‘‘विवाद के बीच, सहवाग का नाम कोच पद के लिए उछाला गया। कुंबले को सारा खेल समझ में आ रहा था इसलिए उन्होंने सोचा कि मैं वेस्टइंडीज के छोटे दौरे के लिए क्यों कोच बनूं। बनाना है तो लंबे समय के लिए बनाया जाए। जाहिर है कुंबले जैसे कद्दावर क्रिकेटर के साथ नाइंसाफी की रूपरेखा तैयार कर ली गई थी।’’
‘‘विवाद के बीच, सहवाग का नाम कोच पद के लिए उछाला गया। कुंबले को सारा खेल समझ में आ रहा था इसलिए उन्होंने सोचा कि मैं वेस्टइंडीज के छोटे दौरे के लिए क्यों कोच बनूं। बनाना है तो लंबे समय के लिए बनाया जाए। जाहिर है कुंबले जैसे कद्दावर क्रिकेटर के साथ नाइंसाफी की रूपरेखा तैयार कर ली गई थी।’’
3) कुंबले की सोच साफ थी
‘‘कुंबले ने कहा भी कि यदि टीम का एक भी क्रिकेटर मेरे खिलाफ है तो मेरे कोच बने रहने का कोई मतलब नहीं है। कुंबले एपिसोड अब पीछे छूट जाएगा आैर सहवाग या टॉम मूडी में से किसी एक को लंबे समय की जिम्मेदारी मिलेगी। विराट की वजह से कुंबले को हटना पड़ रहा है लेकिन नए कोच के साथ विराट की पटरी बैठेगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है।’’
‘‘कुंबले ने कहा भी कि यदि टीम का एक भी क्रिकेटर मेरे खिलाफ है तो मेरे कोच बने रहने का कोई मतलब नहीं है। कुंबले एपिसोड अब पीछे छूट जाएगा आैर सहवाग या टॉम मूडी में से किसी एक को लंबे समय की जिम्मेदारी मिलेगी। विराट की वजह से कुंबले को हटना पड़ रहा है लेकिन नए कोच के साथ विराट की पटरी बैठेगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है।’’
4) सचिन-सौरव-लक्ष्मण ने विराट के आगे सरेंडर कर दिया?
‘‘मैं सचिन, सौरव गांगुली आैर वीवीएस लक्ष्मण की भूमिका पर चकित हूं। इन्होंने ही अनिल कुंबले को कोच बनवाया था। अब ये तीनों ही कुंबले को कोच पद जारी रखने के लिए मनाने में नाकाम रहे। एक तरह से इन तीनों ने विराट के सामने सरेंडर कर दिया। ऐसा लग रहा है कि विराट का कद भारतीय क्रिकेट जगत में सबसे बड़ा हो गया है। अगर यह सच है तो यह घातक भी है। विराट बहुत अच्छे क्रिकेटर हैं लेकिन उन्होंने अपने रवैये से आलोचनाआें का पहाड़ खड़ा कर लिया है जो कि निंदनीय है।’’
‘‘मैं सचिन, सौरव गांगुली आैर वीवीएस लक्ष्मण की भूमिका पर चकित हूं। इन्होंने ही अनिल कुंबले को कोच बनवाया था। अब ये तीनों ही कुंबले को कोच पद जारी रखने के लिए मनाने में नाकाम रहे। एक तरह से इन तीनों ने विराट के सामने सरेंडर कर दिया। ऐसा लग रहा है कि विराट का कद भारतीय क्रिकेट जगत में सबसे बड़ा हो गया है। अगर यह सच है तो यह घातक भी है। विराट बहुत अच्छे क्रिकेटर हैं लेकिन उन्होंने अपने रवैये से आलोचनाआें का पहाड़ खड़ा कर लिया है जो कि निंदनीय है।’’
कुंबले के थैंक-यू लेटर से सामने आई ये वजहें
5) कुंबले का स्टाइल विराट को पसंद नहीं आया
– कुंबले ने इस्तीफे के बाद अपने लेटर में लिखा- कल पहली बार बीसीसीआई की तरफ से मुझे बताया गया कि कैप्टन को मेरी ‘स्टाइल‘ पर एतराज था। उन्हें मेरे हेड कोच बने रहने पर भी एतराज था।
– बता दें कि मीडिया में ऐसी खबरें आती रहीं कि कुंबले सख्ती दिखाते थे। इस पर सुनील गावस्कर का कहना है कि शायद मौजूदा टीम को हार्ड टास्कमास्टर चाहिए ही नहीं।
– कुंबले ने इस्तीफे के बाद अपने लेटर में लिखा- कल पहली बार बीसीसीआई की तरफ से मुझे बताया गया कि कैप्टन को मेरी ‘स्टाइल‘ पर एतराज था। उन्हें मेरे हेड कोच बने रहने पर भी एतराज था।
– बता दें कि मीडिया में ऐसी खबरें आती रहीं कि कुंबले सख्ती दिखाते थे। इस पर सुनील गावस्कर का कहना है कि शायद मौजूदा टीम को हार्ड टास्कमास्टर चाहिए ही नहीं।
6) अलग व्यूज भी पसंद नहीं आए
– कुंबले ने ट्वीट किए लेटर में लिखा- मैं प्रोफेशनलिज्म, डिसिप्लीन, कमिटमेंट, ऑनेस्टी, कॉम्प्लीमेंट्री स्किल्स और अलग व्यूज लेकर आया। किसी भी पार्टनरशिप को असरदार बनाने के लिए इन चीजों की अहमियत समझने की जरूरत है।
– मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में हार के बाद कुंबले ने कुछ खिलाड़ियों को फटकार लगाई। कोहली को यह बात पसंद नहीं आई।
7) नहीं चाहते कि कोई आईना दिखाए
– कुंबले ने अपने लेटर में लिखा- मेरी नजर में कोच का रोल आईना दिखाने वाला होता है ताकि टीम की बेहतरी के लिए आप सेल्फ इम्प्रूवमेंट ला सकें।
– माना जा रहा है कि कुंबले टीम को आईना दिखाते थे, यही बात कुछ लोगों को नापसंद थी।
– कुंबले ने अपने लेटर में लिखा- मेरी नजर में कोच का रोल आईना दिखाने वाला होता है ताकि टीम की बेहतरी के लिए आप सेल्फ इम्प्रूवमेंट ला सकें।
– माना जा रहा है कि कुंबले टीम को आईना दिखाते थे, यही बात कुछ लोगों को नापसंद थी।