मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य जल निगम की बैठक सम्पन्न
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि निर्माण विभागों में आंतरिक सतर्कता और भ्रष्टाचार रोकने की प्रभावी व्यवस्था बनायी जाये। ग्रामीण क्षेत्रों की सामूहिक जल प्रदाय योजनाओं में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ मध्यप्रदेश जल निगम के संचालक मण्डल की बैठक में ये निर्देश दिये। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुश्री कुसुम महदेले और मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी निर्माण विभागों की निविदा में भाग लेने के लिये स्थानीय ठेकेदारों को तैयार करने की योजना बनायी जाये। ग्रामीण सामूहिक जल प्रदाय योजनाओं में ग्रामीणों के लिये जल प्रदाय दर इतनी रखी जाये कि वे आसानी से उसे दे सकें। जल निगम द्वारा बनायी जा रही जल प्रदाय योजनाओं की लगातार मानीटरिंग की जाये और योजनाओं को समय-सीमा में पूरा किया जाये।
परियोजना क्रियान्वयन इकाईयों की संख्या 5 से बढ़ाकर 12 होगी
बैठक में बताया गया कि जल निगम के अंतर्गत सुदृढ़ीकरण के लिये परियोजना क्रियान्वयन इकाईयों की संख्या पाँच से बढ़ाकर बारह की जायेगी। बारह सौ 48 ग्रामों के लिये 11 ग्रामीण सामूहिक जल प्रदाय योजनाओं के लिये 1758 करोड़ 99 लाख रूपये की स्वीकृति दी गयी है। वर्तमान में निगम के अंतर्गत भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और सागर परियोजना क्रियान्वयन इकाईयाँ कार्यरत हैं। इसके अलावा शहडोल, सीधी, पन्ना, सतना, दमोह, राजगढ़ और जबलपुर में सात नई परियोजना क्रियान्वयन इकाईयाँ प्रस्तावित की गयी हैं। बैठक में वर्ष 2017-18 के लिये निगम को 1534 करोड़ 45 लाख रूपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश्य, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री आर.एस. जुलानिया, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन श्री मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव वित्त श्री अनिरूद्ध मुखर्जी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।