किसानों के सम्मान से सही मायनों में आगे बढ़ेगा देश : श्री श्री रविशंकर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के अधिक उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इसे रोकने के लिए जैविकखेती को आगे बढ़ाना होगा। श्री चौहान ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश को जैविक खेती के मामले में देश का अग्रणी राज्य बनाया जायेगा। प्रदेश में जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा और जैविक उत्पादकों की मार्केटिंग के लिए पुख्ता व्यवस्था की जायेगी। श्री चौहान आज बालाघाट में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जैविक-आध्यात्मिक कृषक सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। कृषक सम्मेलन में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह और प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अभी 5 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है। इस रकबे को बढ़ाने के प्रयास किये जायेगें। जैविक खेती एवं जैविक कीटनाशकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 5 साल में किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश की राज्य सरकार इस संकल्प को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बालाघाट जिले में इस वर्ष कीट व्याधि के कारण धान फसल को हुए नुकसान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 12 करोड़ 66 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। इस राशि का किसानों को लगातार वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसल खराब होने पर दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बालाघाट को खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित किया। उन्होंने कहा कि शौचालय बनाने के साथ ही स्वच्छता के प्रति लोगों की मानसिकता को भी बदलना होगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बालाघाट में जैविक आध्यात्मिक कृषक सम्मेलन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसका लाभ बालाघाट जिले के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के किसानों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर जी के मार्गदर्शन से मध्यप्रदेश निश्चित ही जैविक खेती में देश का अग्रणी राज्य बनेगा।
आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी ने इस अवसर पर कहा कि भारत ऋषि एवं कृषि का देश है। ऋषि ज्ञान देता है और कृषि अन्न देती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोग खेती करना पसंद नहीं करते हैं। इससे हमारी कृषि पिछड़ती जायेगी। हमें जैविक खेती को अपनाने के साथ ही किसानों को सम्मान देना होगा।