देश के किसानों की आय को दोगुनी करने की योजना को अमलीजामा पहनाने में अब इजरायल की उन्नत कृषि तकनीक का लाभ भी भारतीय किसानों को मिलेगा। कृषि में विश्व में इजरायल की उन्नत तकनीक का कोई सानी नहीं है तथा देश के कई राज्यों में इजरायली उन्नत कृषि तकनीकों का इस्तेमाल हो भी रहा है। इसके सुखद परिणाम भी समाने आए हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई अाधिकारिक वार्ता में भारत में कृषि में नई क्रांति में सहयोग देने का प्रस्ताव दिया है। सहमति बनी है कि दोनों देशों के बीच इजरायली तकनीक के भारत में व्यापक इस्तेमाल को लेकर एक अलग व्यवस्था बनेगी। इसमें दोनों देशों के कृषि मंत्रियों की अहम भूमिका होगी।
इजरायल के सहयोग से भारत में कृषि से जुड़े करीब 25 विशेष केंद्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैँ तथा इनमें दो केंद्रों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेतान्यहू बुधवार को गुजरात में करेंगे। भारत में इजरायल के सहयोग से इस तरह के कई दर्जन और केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है, इसके साथ ही भारत इजरायल की उन्नत सिंचाई तकनीक को भी बड़े पैमाने पर लागू करना चाहता है, इस बारे में दोनों पक्षों में जल्द ही वार्ता होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और इजरायल के बीच व्यापार में बढ़ोतरी हुई है, खासकर भारत से इजराइल को कृषि आधारित वस्तुओं के निर्यात में करीब 29 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपिडा) के दायरे में आने वाले उत्पादों के निर्यात—निर्यात आंकड़ों पर नजर डालें तो नरेंद्र मोदी के आने से पहले इजरायल भारत से सालाना 215 करोड़ रुपये के उत्पादों का आयात करता था। वित्त वर्ष 2013-14 में इजरायल ने भारत से 215.97 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का आयात किया था लेकिन पिछले साल मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 277.60 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 7 महीने अप्रैल से अक्टूबर 2017 के दौरान इजरायल को भारत 169.76 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात कर चुका है।
हालांकि भारत से निर्यात होने वाले कृषि उत्पादों के कुल निर्यात में इजरायल की हिस्सेदारी बहुत कम है लेकिन फिर भी इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इजरायल भारत से ज्यादातर बासमती चावल का आयात करता है।