दृढ़-इच्छा शक्ति और समन्वय से ही प्राप्त होती है सफलता : राज्यपाल
भोपाल: राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को आज राजभवन में ‘पढ़े भोपाल’ कार्यक्रम के लिए विश्व बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड अवार्ड दिया गया। वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड समिति के पदाधिकारियों ने राज्यपाल को प्रमाण पत्र भेंट किया।
राज्यपाल ने भोपालवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जो काम दृढ़ इच्छा-शक्ति, समन्वय और विश्वास के साथ किये जाते हैं, उनमें सफलता अवश्य मिलती है। इसी भावना के साथ अगर हम देश और समाज की सेवा में लगे रहें, तो अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सफलता और आम लोगों की इसमें रूचि को देखते हुए मैंने निर्णय लिया है कि एक समिति बनाई जायेगी जो इस कार्यक्रम को आगे ले जाने के बारे में सुझाव देगी।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। आवश्यकता उन्हें अवसर प्रदान करने की है। बच्चों को और अधिक संस्कारवान तथा चरित्रवान बनाने के लिए शिक्षा में बदलाव लाना चाहिये। उन्होनें स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग को छात्र-छात्राओं के स्वास्थ और समृद्धि के लिए समन्वित प्रयास करने के लिये प्रेरित किया।
वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड, यूके के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा ने कहा कि पढ़े भोपाल आयोजन एक यज्ञ की तरह था। भोपालवासियों ने इस अदभूत कार्य को सफलतापूर्वक आयोजित करने का अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि डा.राधाकृष्ण और स्वामी विवेकानंद पुस्तकों के अध्ययन पर बहुत जोर देते थे। पुस्तकों के अध्ययन के महत्व को कम नहीं किया जा सकता। श्री राजीव शर्मा ने भोपाल में पुस्तक गार्डन बनाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि पुस्तक को आनंद और रूचि का विषय बनाकर पढ़ें। वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड के भारत में अध्यक्ष श्री संतोष शुक्ला ने कहा कि राजभवन को गाँधी जी के सत्य के प्रयोग पुस्तक की एक हजार प्रतियाँ भेंट की जायेंगी।
आयुक्त उच्च शिक्षा श्री अजीत कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम को संभाग और गाँव स्तर पर आयोजित करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होनें बच्चों में टी.व्ही. के प्रति अधिक रूचि को कम करने के लिए पुस्तक पढ़ने की आदत डालने पर जोर दिया। आयुक्त स्कूल शिक्षा श्रीमती जयश्री कियावत ने कहा कि राज्यपाल ने बच्चों की रूचि और इच्छा के अनुसार ही पढ़े भोपाल कार्यक्रम का आयोजन कर आवश्यक कदम उठाया है।
अवार्ड कार्यक्रम में भोपाल स्थित शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शैक्षणिक संस्थानों के प्राचार्यों, शिक्षकों, स्कूल एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन प्रस्तुत किये।