भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की किसानों के लिए बनाई गई भावांतर भुगतान योजना की कड़ी में किसानों को उनकी फसल की अन्तर राशि का भुगतान शुरू हो गया है। चुनावी वर्ष की तैयारियों के साथ मुख्यमंत्री ने गत 22 नवम्बर को उज्जैन में गदगद करने की कोशिश की। हालांकि सरकार से भारी असंतुष्ट किसान सरकार के इन प्रयासों से कितना खुश हो पाएंगे, आने वाला समय बताएगा। योजना में दूसरे चरण के तहत 23 नवम्बर तक फसल विक्रय करने वाले किसानों को 1310 करोड़ रुपये का लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि अब तक 1 लाख 65 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवा लिया है। वहीं पहले चरण 16 से 31 अक्टूबर तक मंडियों में फसल विक्रय करने वाले किसानों को भावांतर राशि का भुगतान किया जा रहा है।
भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों द्वारा गत 23 नवंबर तक मंडियों में की गई फसलों की बिक्री से प्रथम दृष्टया लगभग 1310 करोड़ की भावांतर राशि मिलने का अनुमान है। यह भुगतान विक्रय अवधि की समाप्ति के बाद गणना कर किया जायेगा। अब तक भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों में से 10 लाख 3 हजार किसानों ने 20 लाख 92 हजार मीट्रिक टन कृषि उत्पाद मंडियों में विक्रय किया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को हर संकट से निजात दिलाएगी राज्य सरकार। मुख्यमंत्री गत दिनों उज्जैन में विशाल किसान सम्मेलन में भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत 1.35 लाख किसानों के खातों में लेपटॉप से एक क्लिक कर 135 करोड़ रूपये की भावांतर राशि ट्रांसफर करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने किसानों को भावांतर राशि के प्रमाण-पत्र भी वितरित किये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को बताया कि प्रदेश में 16 से 31 अक्टूबर के बीच जिन एक लाख 35 हजार किसानों ने अपनी खरीफ की फसल भावांतर योजना में बेची है, उनके खातों में 135 करोड़ रूपये की भावांतर राशि अभी सीधे भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना में सोयाबीन के लिये 470 रूपये, उड़द में 2400 रूपये, मूंग में 1455 रूपये, मूंगफली से 720 तथा मक्का 235 रूपये प्रति क्विंटल भावांतर की राशि किसानों के खाते में डाली गई है।
किसान के बच्चों के लिये कृषक उद्यमी योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के लिये कृषक उद्यमी योजना भी बनाई है। इस योजना में किसान के बच्चों द्वारा कृषि संबंधी उद्योग लगाने पर उन्हें 10 लाख से 2 करोड़ रूपये तक का लोन बिना गारंटी के दिया जायेगा। एक करोड़ के लोन पर 15 लाख तथा 2 करोड़ के लोन पर 30 लाख रूपये का अनुदान भी दिया जायेगा। इसके साथ ही 5 वर्ष तक ब्याज दर मात्र 5त्न रहेगी।