प्रदेश में रबी सीजन 2017-18 में 4 फसलों चना, सरसों, प्याज और मसूर के लिये प्रदेश के 257 कृषि उपज मंडी समितियों में भावान्तर भुगतान योजना में किसानों का पंजीयन 12 फरवरी से लगातार किया जा रहा है। पंजीयन का कार्य 3500 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में भी किया जा रहा है।
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रबी सीजन में 12 मार्च तक होगा पंजीयन
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अब तक 01 लाख 60 हजार से अधिक किसानों का हुआ पंजीयन।
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अभी चना, सरसों प्याज और मसूर के लिये हो रहा है पंजीयन
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257 कृषि उपज मंडी समिति और 3500 प्राथमिक सहकारी समितियों में है पंजीयन की व्यवस्था।
भावान्तर भुगतान योजना में नि:शुल्क पंजीयन का कार्य 12 मार्च तक किया जायेगा। अब तक प्रदेश में भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर एक लाख 60 हजार 206 किसानों ने पंजीयन कराया है। चना फसल के लिये एक लाख 25 हजार 549 किसानों ने, सरसों के लिये 20 हजार 347 किसानों ने, प्याज के लिये 9 हजार 593 और मसूर के लिये 30 हजार 430 किसानों ने पंजीयन करवाया है। प्रमुख सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि रबी सीजन में भावान्तर भुगतान योजना में फसलों की पंजीयन व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाएं।
नि:शुल्क पंजीयन व्यवस्था : रबी सीजन में भावान्तर भुगतान योजना में किसानों के नि:शुल्क पंजीयन की व्यवस्था की गई है। किसानों को पंजीयन कराने के लिये आधार कार्ड, समग्र आईडी, ऋण पुस्तिका और बैंक पास बुक की फोटाकापी जमा करवानी होगी। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री फैज अहमद किदवई ने भी पंजीयन व्यवस्था के संबंध में जिला कलेक्टरों से कहा है कि प्रति किसान औसत 2 हेक्टेयर लेण्ड-होल्डिंग के मान से जिले में किसानों की संख्या का आंकलन कर विशेष अभियान चलाकर शत-प्रतिशत पंजीयन की कार्यवाही की जाये।
भावान्तर भुगतान योजना: मध्यप्रदेश में खरीफ-2017 में पहली बार मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना पूरे प्रदेश में लागू की गई। इस योजना में प्रारंभ में 8 फसलों- सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द और अरहर को शामिल किया गया। अब इस योजना में नियत अवधि में फसल का विक्रय करने की बजाय बाद के संभावित बेहतर बाजार मूल्य के लिये अपनी फसल लायसेंसी गोदाम में 4 माह रखने पर गोदाम भंडारण अनुदान का भी प्रावधान रखा गया है।