मध्यप्रदेश के सभी कामगारों को 28 नवम्बर को मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से उनके लिए सवैतनिक अवकाश मंजूर किया गया है। प्रदेश के श्रमायुक्त के अनुसार प्रदेश के समस्त विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आने वाले सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे वह दैनिक मजदूर या केजुअल (आकस्मिक) श्रमिक श्रेणी का ही हो, उसे मतदान करने का हक है। यदि वह कामगार किसी ऐसे उद्योग या स्थापना में नियोजित है, जो उस विधानसभा क्षेत्र से बाहर है जहाँ आम निर्वाचन हो रहे हैं, तब भी उसे मतदान हेतु सवैतनिक अवकाश की पात्रता होगी।
यदि को व्यक्ति ऐसे कार्यों में नियोजित है, जिसकी अनुपस्थिति से कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती हो, तो उस पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा। फिर भी ऐसे व्यक्तियों को भी मतदान हेतु बारी-बारी से सुविधा प्रदान की जाना चाहिए, किन्तु यह ध्यान रहे कि यह सुविधा इस प्रकार की हो कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
श्रम आयुक्त द्वारा सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या अन्य स्थापनाओं के प्रबंधकों और नियोजकों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी श्रेणी के कामगारों को विधानसभा चुनाव में मताधिकार का उपयोग सुविधाजनक एवं बगैर किसी बाधा के सुनिश्चित करने के लिए सवैतनिक अवकाश अनिवार्यत: प्रदान करें।
किसी नियोजक द्वारा यदि उक्त प्रावधान का उल्लंघन किया जाता है, तो उस पर 500 रुपये तक जुर्माना तथा उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत भी दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी। इसमें एक माह तक के कारावास अथवा जुर्माने या दोनों से ही दण्डित किया जा सकता है।