महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी स्कीम (मनरेगा) से पंचायत मुख्यालयों पर बनाये गये पंचायत भवनों से आमजन को लोक सुविधाएँ आसानी से मुहैया होने लगी हैं। अब ग्रामीणों को शासन की महती योजनाओं का त्वरित लाभ मिलने लगा है। पंचायत भवन में उचित बैठक व्यवस्था और विभिन्न योजनाओं की कम्प्यूट्रीकृत जानकारी प्राप्त होने लगी है। अब ग्राम पंचायत कार्यालय जाकर ग्रामीण द्वारा मनरेगा में काम की मांग करना, योजनाओं के लाभ लेने हेतु आवेदन करना और ग्रामसभा की कार्यवाही में भाग लेना और अधिक सुविधाजनक हो गया है।
भारत की दो तिहाई से अधिक आबादी आज भी ग्रामीण इलाकों में निवास करती है। शासन ने इन ग्रामीणों को आधारभूत सुविधाएँ मुहैया कराने और गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनायी गई है, जिनका क्रियान्वयन मूलरूप से ग्राम पंचायत स्तर से ही किया जाता है। मध्यप्रदेश में मनरेगा से अब तक 1600 से अधिक ग्राम पंचायत भवन निर्मित किये जा चुके हैं। चार हजार पंचायत भवन निर्माणधीन है, जिन्हें शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा। पंचायत भवनों के निर्माण से ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो रही है और ग्रामीणजन को इसका लाभ मिल रहा है।
मनरेगा से बनाये गये इन पंचायत भवन निर्माण में अधिकतम दस लाख रूपये मनरेगा से तथा शेष राशि पंच परमेश्वर योजना, विधायक/सांसद निधि से जुटाई गई है। क्लस्टर मुख्यालय की ग्राम पंचायत भवन की लागत 14.15 लाख रूपये तथा अन्य ग्राम पंचायत भवन निर्माण की लागत 12.85 लाख रूपये रखी गई है। पंचायत भवन में मीटिंग हॉल, सरपंच कक्ष, सचिव कक्ष, दस्तावेज संधारण हेतु कक्ष, शौचालय आदि का निर्माण किया गया है। इन भवनों में बिजली, बैठक व्यवस्था, दस्तावेज संधारण एवं इंटरनेट सहित कम्प्यूटर आदि की व्यवस्था भी की गई है। भवन के निर्माण में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मुहैया हुये हैं।