भोपाल: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उज्जैन जिले के तराना में नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन किया। परियोजना निर्माण की अनुमानित लागत 2215 करोड़ 64 लाख रुपये है। इसे 42 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है। परियोजना के लिये ओंकारेश्वरजलाशय से 15 क्यूमेक (15 घनमीटर प्रति सेकेण्ड) नर्मदा जल उद्वहन किया जायेगा। पहले पम्पिंग स्टेशन से 497 मीटर जल उद्ववहन किया जाकर पाँच पम्पिंग स्टेशन से सिंचाई के लिये उपलब्ध कराया जायेगा। ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेश आर्य, विधायक श्री अनिल फिरोजिया, श्री अरूण भीमावत और श्री श्याम बंसल भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मालवा के गिरते जल स्तर को सुधारने के लिये यहाँ नर्मदा का पानी उद्ववहन कर लाया गया है। नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय उद्ववहन सिंचाई परियोजना में नर्मदा, गंभीर, कालीसिंध और पार्वती नदी को जोड़ा जाकर किसानों के खेत तक पानी पहुँचाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रदेश में भविष्य में हर व्यक्ति की सालाना आय एक लाख होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में प्रदेश में हर गरीब व्यक्ति की सालाना आय कम से कम एक लाख रुपये, पक्का मकान, महिलाओं को पूरा सम्मान, गाँव को विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किये जायेंगे। राज्य में तीन एक्सप्रेस हाई-वे होंगे। श्री चौहान ने बतायाकि संबल योजना में 200 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ कर दिये गये हैं। योजना में प्रदेश की 2.5 करोड़ आबादी कवर हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तराना और घटिया विधानसभा क्षेत्र में 52 करोड़ 22 लाख लागत के पाँच उच्च स्तरीय पुल, 4 करोड़ 16 लाख रुपये लागत के डोगरा गुर्जर तालाब, तराना- माकड़ौन-दुपाड़ा मार्ग लागत 26 करोड़ 40 लाख का भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री ने ग्राम मांगलिया में 46 लाख और ग्राम लुसूड़िया में 48 लाख रुपये की लागत से निर्मित नल-जल योजना, घटिया में पुलिस थाना भवन और यातायात पुलिस थाना का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने तराना विधानसभा में 36 करोड़ 56 लाख लागत के 49.55 किलोमीटर मार्ग का भूमि-पूजन किया।
नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय माइक्रो सिंचाई परियोजना
नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देश्यीय माइक्रो सिंचाई परियोजना नर्मदा-मालवा लिंक अभियान का महत्वपूर्ण चरण है। इसमें मालवा की क्षिप्रा, गंभीर और कालीसिंध नदी कछारों तक नर्मदा जल उद्ववहन कर ले जाने की परियोजनाएँ बनाई गई हैं। परियोजना पूर्ण होने पर उज्जैन और शाजापुर जिलों में 30 हजार हेक्टेयर सिंचाई कमाण्ड क्षेत्र सृजित होगा। उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र के 55 गाँव और घट्टिया क्षेत्र के 7 गाँव को सिंचाई का लाभ मिलेगा। साथ ही, तराना, झंगरा, घट्टिया और गुराडि़या गुर्जर गाँवों को पेयजल मिलने के साथ उज्जैन एवं नागदा क्षेत्र के उद्योगों को जल मिलेगा।