पाँच साल में पांच लाख से ज्यादा लोगों ने की तीर्थ यात्राएं, 11 राज्यों ने अपनाया लाभार्थी तीर्थ यात्रियों का होगा सम्मेलन तीर्थ दर्शन योजना की समीक्षा
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना आगामी तीन सितम्बर को पाँच साल पूरे करने जा रही है। इन पाँच सालों में पाँच लाख तीन हजार लोगों ने विभिन्न तीर्थों की यात्राएं की हैं। इस लोकप्रिय योजना को ग्यारह राज्यों में अपनाया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान दो सितम्बर को भोपाल में योजना की पाँचवी वर्षगाँठ की पूर्व संध्या पर लाभार्थी तीर्थ यात्रियों के विशाल सम्मेलन को संबोधित करेंगे। श्री चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में योजना की प्रगति एवं भविष्य की कार्य-योजना की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस.के.मिश्रा एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। योजना के सफल पाँच साल पूरे होने पर सभी जिलों में तीर्थ-यात्रियों के सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। इसमें वे यात्रा के अपने अनुभव साझा करेंगे। योजना को और बेहतर बनाने के लिये सुझाव भी देंगे। तीर्थयात्रा के बाद जीवन में आये परिवर्तन के बारे में भी विचार रखेंगे। मुख्यमंत्री ने तीर्थ स्थलों के नये पैकेज बनाने के निर्देश दिये ताकि एक तीर्थ के जाते या लौटते समय कम से कम दो या तीन तीर्थों के दर्शन हो जायें। अब तक 502 ट्रेनों का संचालन हुआ है। इस साल 51 ट्रेनों में करीब 51 हजार वरिष्ठ तीर्थ-यात्रियों ने इसका लाभ लिया। वर्ष 2017-18 में 125 ट्रेनों के संचालन का लक्ष्य है। इसमें सवा लाख बुजुर्गों को तीर्थ-दर्शन कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये। नये तीर्थ स्थल लोगों की अपेक्षाओं और अनुरोध पर नये तीर्थ स्थल जोड़े गये हैं। इनमें कामाख्या देवी, गंगा सागर, पटना साहब, गिरनार जी, मदुरै शामिल है1 प्रदेश के तीर्थ स्थल उज्जैन, मैहर, श्री रामराजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर शामिल हैं। इसके अलावा रविदास धाम वाराणसी, रामदेवरा राजस्थान को भी जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रा को यादगार बनाने के लिये आईआरसीटीसी यात्रियों के ग्रुप फोटो बनाकर कर उन्हें दें। उन्होंने शासकीय मंदिरों के पुजारियों को भी तीर्थ दर्शन योजना का लाभ देने के लिए सहमति दी। मिलती हैं कई सुविधाएँ विशेष ट्रेन की प्रत्येक बोगी में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं चाय, नाश्ता, भोजन, पानी का मात्रा एवं समय आदि का विवरण लिखा रहता है। यात्रियों को दिये जाने वाले भोजन के मेनू एवं गुणवत्ता में गुणात्मक परिवर्तन किया गया है। प्रात:काल चाय/कॉफी एवं बिस्किट, नाश्ता – पुरी भाजी/ब्रेड के साथ कटलेट/सांभर के साथ उपमा या इडली या मेंदू बड़ा/ छोलों के साथ भटूरे/चटनी के साथ समोसा या प्याज कचोरी या ब्रेड पकोड़ा या आलू बोन्डा या ढ़ोकला/सेव के साथ पोहा, साथ में केला एवं चाय/ कॉफी, दोपहर एवं रात्रि का भोजन – मौसमी सब्जी या पनीर की सब्जी, दाय फ्राय या कढ़ी पकोड़ा, पराठे या पुरी या रोटी, चावल या पुलाव, पापड़, अचार, मीठा, सांयकाल – चाय/कॉफी एवं बिस्किट या नमकीन। इसके अतिरिक्त यात्रियों को रात्रि के समय प्रति यात्री लगभग 150 मि.ली. बादाम मिल्क/केसर मिल्क भी दिया जा रहा है। ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन पर यात्रियों के लिये स्वागत हेतु स्वल्पाहार (समोसा, कचौरी, जूस) की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसके साथ ही यात्रियों के लिए फूल माला, तिलक एवं स्वागत बैंड इत्यादि की व्यवस्था भी स्टेशनों पर की जा रही है। यात्रा के दौरान यात्रियों के मनोरंजन के लिए ढ़ोलक, मंजीरा, लूड़ो, साँप सीढ़ी आदि प्रदाय किये जाते हैं।