वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान जारी किए हैं। इसके साथ ही जीडीपी के व्यय अवययों के अनुमान भी इसी अवधि के लिए जारी किए गए हैं। 2. 2017-18 की प्रथम तिमाही के लिए जीडीपी के अनुमानों का विवरण नीचे दिया गया है-आर्थिक गतिविधि के आधार पर जीवीए के अनुमानक. स्थिर (2011-12) मूल्यों पर 3. वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर जीडीपी 31.10 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-2017 की प्रथम तिमाही में 29.42 लाख करोड़ रूपये था। यह 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही के लिए स्थिर (2011-12) मूल्यों पर मूल कीमत पर तिमाही जीवीए 29.04 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 27.51 लाख करोड़ रूपये था। यह पिछले वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। 4. 2016-17 की प्रथम तिमाही के मुकाबले 2017-18 की प्रथम तिमाही में 7 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर दर्शाने वाली आर्थिक गतिविधियों में व्यापार, होटल, परिवहन और संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएं, लोकप्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं और विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं शामिल हैं। कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन, खनन एवं उत्खनन, विनिर्माण, निर्माण और वित्तीय, बीमा, अचल परिसंपत्ति एवं प्रोफेशलन सेवाओं की वृद्धि दर इस अवधि में क्रमशः 2.3 प्रतिशत, (माइनस) -0.7 प्रतिशत, 1.2, 2.0 और 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 5. औद्योगिकी विश्लेषणप्रथम तिमाही के अनुमान कृषि मंत्रालय, कृषि एवं सहयोग विभाग से प्राप्त 2016-17 के रबी सीजन के दौरान हुए कृषि उत्पादन, बीएसई/एनएसई से प्राप्त सूचीबद्ध कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय नतीजों, औद्योगिक उत्पाद सूचकांक और केन्द्र सरकार के व्यय के मासिक खातों और अप्रैल-जून 2017-18 अवधि में राज्य सरकारों के व्यय के मासिक खातों पर आधारित है। कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन5.1 कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन क्षेत्र के संदर्भ में 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए (सकल मूल्यवर्धित) में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि 2016-17 की प्रथम तिमाही में यह वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत थी। कृषि एवं सहयोग विभाग से प्राप्त सूचना के मुताबिक कृषि वर्ष 2016-17 (जिसकी समाप्ति जून 2016 में हुई) के रबी सीजन के दौरान चावल, गेहूं, मोटे अनाजों और दालों की उत्पादन वृद्धि दर क्रमशः 5.8, 6.6, 10.7 और 25.0 प्रतिशत दर्ज की गई। जहां तक वाणिज्यिक फसलों का सवाल है कि 2016-17 के रबी सीजन के दौरान तिलहन उत्पादन में 13.1 की वृद्धि दर्ज की गई। फल-सब्जियों सहित इन फसलों का योगदान कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में जीवीए का लगभग 56.9 प्रतिशत है। इस क्षेत्र के जीवीए का लगभग 43.1 प्रतिशत पशुधन उत्पादों, वानिकी एवं मत्स्य पालन पर आधारित है, जिसने 2017-18 की प्रथम तिमाही में लगभग 3.43 प्रतिशत की संयुक्त वृद्धि दर दर्ज की है। खनन एवं उत्खनन5.2 खनन एवं उत्खनन क्षेत्र के संदर्भ में 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए की वृद्धि दर -0.7 प्रतिशत रही, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में -0.9 प्रतिशत थी। खनन क्षेत्र के मुख्य संकेतकों अर्थात् कोयला, कच्चा तेल एवं प्राकृतिक गैस और आईआईपी खनन ने 2017-18 की प्रथम तिमाही में क्रमशः -4.4, 0.2, 4.0 और 1.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 5.3, -3.3, -6.0 और 7.5 प्रतिशत थी।विनिर्माण5.3 विनिर्माण क्षेत्र के संदर्भ में 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाई, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 10.7 प्रतिशत थी। निजी कॉरपोरेट क्षेत्र (जिसकी हिस्सेदारी विनिर्माण क्षेत्र में 75 प्रतिशत से ज्यादा है) की वृद्धि दर 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर 0.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 10.2 प्रतिशत थी। आईईपी विनिर्माण में 2017-18 की प्रथम तिमाही में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 6.7 प्रतिशत थी। विद्युत, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाएं5.4 विद्युत, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं के संदर्भ में 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए में 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 10.3 प्रतिशत थी। इस क्षेत्र के मुख्य संकेतक अर्थात आईईपी विद्युत ने 2016-17 की प्रथम तिमाही के 10.0 प्रतिशत के मुकाबले 2017-2018 की प्रथम तिमाही में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की। निर्माण5.5 निर्माण क्षेत्र के संदर्भ में 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए ने 2.0 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाई, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 3.1 प्रतिशत थी। निर्माण क्षेत्र के मुख्य संकेतकों अर्थात सीमेंट उत्पादन, तैयार इस्पात की खपत और आईईपी अधातु खनिजों ने 1017-18 की प्रथम तिमाही में क्रमशः -2.9, 4.6 और -3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 5.8, 1.3 तथा 5.7 प्रतिशत थी।व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाएं5.6 इस क्षेत्र के 2016-17 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 11.1 प्रतिशत रही, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 8.9 प्रतिशत थी। व्यापार क्षेत्र की ओर से जीवीए के आंकलन में इस्तेमाल होने वाला मुख्य संकेतक बिक्री कर में वृद्धि है। 2017-18 की प्रथम तिमाही में बिक्री कर संग्रह में 16.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। रेलवे के मुख्य संकेतकों अर्थात शुद्ध टन किलोमीटर और यात्री किलोमीटर में 2017-18 की प्रथम तिमाही के दौरान क्रमशः 3.3 तथा 1.5 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र द्वारा ढोए गए यात्रियों, नागरिक उड्डयन क्षेत्र द्वारा ढोए गए कार्गो और प्रमुख बंदरगाहों पर संचालित कार्गो की वृद्धि दर 2017-18 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 1.6, 19.2 तथा 5.0 प्रतिशत रही। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 2017-18 की प्रथम तिमाही के दौरान -9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वित्तीय, बीमा, अचल परिसंपत्ति और प्रोफेशनल सेवाएं5.7 इस क्षेत्र के संबंध में 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 9.4 प्रतिशत थी। इस उद्योग की प्रमुख अवयव अचल परिसंपत्ति और प्रोफेशनल सेवाएं हैं, जिनकी हिस्सेदारी 73.1 प्रतिशत है। कम्प्यूटर संबंधी सेवाओं के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र की तिमाही वृद्धि दर 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर 6.2 प्रतिशत रही है। इस क्षेत्र के अन्य संकेतकों अर्थात कुल बैंक जमा और बैंक ऋणों की वृद्धि दरें जून, 2017 में क्रमशः 13.3 तथी 8.6 प्रतिशत आंकी गई हैं।
लोक प्रशासन, रक्षा व अन्य सेवाएं5.8 इस क्षेत्र की ओर 2017-18 की प्रथम तिमाही में मूल कीमतों पर तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रही है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 8.6 प्रतिशत थी। इस क्षेत्र के मुख्य संकेतकों अर्थात केन्द्र सरकार के राजस्व व्यय (सब्सिडी को छोड़कर ब्याज भुगतान के समायोजन के बाद) में 2017-18 की प्रथम तिमाही के दौरान 19.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 20.8 प्रतिशत थी। (बी) वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी का आंकलन उत्पादों पर सब्सिडी के समायोजन के बाद उत्पादों पर देय करों को मूल कीमतों पर जीवीए में जोड़ने के बाद किया जाता है। 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 38.84 लाख करोड़ रूपए रहने का अनुमान लगाया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 35.55 लाख करोड़ रूपये था। यह 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर मूल कीमतों पर जीवीए 35.77 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 33.17 प्रतिशत था। यह 7.9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 2017-18 की प्रथम तिमाही में केन्द्रीय इस्पात शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा कर की वृद्धि दर क्रमशः 7.3, 15.0 तथा 20.4 प्रतिशत रही है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 60.5, 17.8 तथा 28.5 प्रतिशत थी। (सी) अपस्फीतिकारक के रूप में उपयोग किए गए मूल्य सूचकांक7. विभिन्न समूहों यथा खाद्य सामग्री, खनिजों, निर्मित उत्पादों, विद्युत और अन्य जिंसों के संदर्भ में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में 2016-17 की प्रथम तिमाही के मुकाबले 2017-18 की प्रथम तिमाही में क्रमशः -1.7, 5.5, 2.6, 0.7 तथा 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) ने 2016-17 की प्रथम तिमाही के मुकाबले 2017-18 की प्रथम तिमाही में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है।
2. जीडीपी पर व्यय अनुमान8. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर व्यय अवयवों अर्थात खपत व्यय और पूंजी सृजन का आंकलन आमतौर पर बाजार मूल्यों पर किया जाता है। अतः निम्नलिखित पैराग्राफ में पेश किए गए समग्र आंकड़े बाजार मूल्यों के हिसाब से हैं।निजी अंतिम खपत व्यय9. 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर निजी अंतिम खपत व्यय (पीएफसीई) 22.27 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 20.42 प्रतिशत था। स्थिर (2011-12) मूल्यों पर पीएफसीई 2017-18 की प्रथम तिमाही में 16.80 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 15.76 लाख करोड़ रूपये प्रतिशत था। जीडीपी के लिहाज से 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान और स्थिर (2011-12) मूल्यों पर पीएफसीई की दरें क्रमशः 57.3 तथा 54.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 57.4 तथा 53.6 प्रतिशत थी। सरकारी अंतिम खपत व्यय10. 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर सरकारी अंतिम खपत व्यय (जीएफसीई) 5.19 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 4.34 लाख करोड़ रूपये था। स्थिर (2011-12) मूल्यों पर जीएफसीई 2017-18 की प्रथम तिमाही में 3.91 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 3.34 लाख करोड़ रूपये था। जीडीपी के लिहाज से वर्तमान और स्थिर (2011-12) मूल्यों पर जीएफसीई की दरें 2017-18 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 13.4 तथा 12.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 12.2 तथा 11.3 प्रतिशत थीं।सकल स्थिर पूंजी सृजन11. 2017-18 की प्रथम तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर सकल स्थिर पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) 10.69 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2017-18 की प्रथम तिमाही में 10.37 लाख करोड़ रूपये था। स्थिर (2011-12) मूल्यों पर जीएफसीएफ 2017-18 की प्रथम तिमाही में 9.28 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में 9.13 लाख करोड़ रूपये था। जीडीपी की दृष्टि से वर्तमान और स्थिर (2011-12) मूल्यों पर जीएफसीएफ की दरें 2017-18 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 27.5 तथा 29.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2016-17 की प्रथम तिमाही में क्रमशः 29.2 तथा 31.0 प्रतिशत थी। 12. स्थिर (2011-12) मूल्यों और वर्तमान मूल्यों पर 2015-16, 2016-17 और 2017-18 की प्रथम तिमाही के लिए जीडीपी पर व्यय और आर्थिक गतिविधि के आधार पर मूल कीमत पर जीवीए के अनुमान विवरण 1 से लेकर 4 में दिए गए हैं। 13. जुलाई-सितम्बर 2017 की तिमाही (2017-18 की दूसरी तिमाही) के लिए जीडीपी अनुमान 30 नवंबर, 2017 को जारी किए जाएंगे।