शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने लागू होगी “एक परिसर-एक स्कूल” की अवधारणा

अतिशेष शिक्षकों, विषयवार शिक्षकों और संसाधनों का होगा बेहतर उपयोग

भोपाल : अतिशेष शिक्षकों का बेहतर उपयोग करने, विषय वार शिक्षकों की उपयोगिता, शालाओं में उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग और पढ़ाई-लिखाई पर प्रभावी निगरानी के उद्देश्य से ‘एक परिसर-एक स्कूल’ अवधारणा लागू की जायेगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के अगले वर्ष की कार्य-योजना की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल शिक्षा विभाग की भविष्य की कार्य-योजना की समीक्षा करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए ।

‘एक परिसर-एक शाला’ की अवधारणा को लागू करने के लिये 45 हजार 384 शालाएं और 20 हजार 656 परिसर चिन्हित किए गए हैं। इनमें चालीस से कम नामांकन वाली प्राथमिक शालाएं 40 हजार 102 और मिडिल स्कूल 6221 है। ‘एक परिसर- एक शाला’ में हायर सेकेंडरी के 1941 स्कूल, 2972 हाई स्कूल, 20 हजार 235 मिडिल स्कूल एवं 20 हजार 233 प्राथमिक शालाएं शामिल होंगी।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा ‘सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा’ के अंतर्गत नई एकीकृत शिक्षा योजना बनाई गई है। इसमें नर्सरी से 12वीं तक लागू सर्व-शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा शामिल होगी। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना, विद्यार्थियों की शिक्षा-अर्जन की क्षमता में वृद्धि करना, स्कूली शिक्षा में सामाजिक असमानता को दूर करना, स्कूली शिक्षा व्यवस्था में न्यूनतम मानक निर्धारित करना, शिक्षा के साथ व्यवसायीकरण परीक्षण को बढ़ावा देना शामिल है।

बैठक में बताया गया कि ‘एक परिसर-एक शाला’ कार्य-योजना से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कोई भी शाला बंद नहीं की जाएगी। एक परिसर में स्थित सभी शालाओं का विलय करते हुए ‘एक परिसर-एक शाला’ के रूप में संचालित की जाएगी। ‘एक परिसर-एक शाला’ को सर्व-सुविधायुक्त शाला के रूप में विकसित किया जाएगा। शालाओं के संचालन के लिये एकीकृत टाइम टेबल एवं प्रबंधन समिति होगी। प्रारंभिक रूप से पूर्व से पदस्थ शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। शाला प्राचार्य के पद तथा अधिकारों को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बैतूल जिले के बैतूल विकासखंड में शासकीय कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैतूल बाजार को समेकित विद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस विद्यालय में चार प्राथमिक, पाँच माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शामिल होंगे। दो अप्रैल से प्रारंभ स्कूल चले अभियान को सघन तरीके से लागू किया जायेगा। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। काउंसलिंग तीन चरणों में होगी। इसमें अभिरुचि परीक्षण, एप्टीट्यूड टेस्ट, भाषा दक्षता, गणित की दक्षता और तार्किक क्षमता का आकलन किया जायेगा।

इस मौके पर जानकारी दी गई कि स्कूली अधोसंरचना में सुधार होने से बच्चों की स्कूलों तक पहुंच बढ़ी है। पहली से बारहवीं तक शासकीय और निजी तथा शासकीय अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या एक लाख 59 हजार 434 हो गई है। वर्ष 2018-19 के लिये 582 हायर सेकेण्डरी और 128 हाई स्कूलों के नवीन भवन स्वीकृत किये गये हैं। इनके लिये 459 करोड़ रूपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों के लिये 11 हजार 700 पदों की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, 629 हाई स्कूल और 329 हायर सेकेण्डरी स्कूलों का उन्नयन किया जा रहा है। दो हजार माध्यमिक शालाओं और 829 हाई स्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में फर्नीचर और प्रयोगशाला सामग्री खरीदने के लिये 102 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मदरसों में अधोसंरचना विकस के लिये प्रत्येक मदरसे को पचास हजार रूपये देने के प्रस्ताव पर भी विचार चल रहा है। विद्यार्थियों की सुविधा के लिये आठ विभागों की 30 प्रकार की छात्रवृत्तियों को एक क्लिक में विद्यार्थियों के खाते में पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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