- किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाली जाएगी, 8.69 करोड़ किसानों को फायदा होगा
- उज्ज्वला स्कीम के तहत 3 महीने तक फ्री सिलेंडर
- 3 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को 500 रुपए प्रति माह अगले 3 महीने तक दिए जाएंगे
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए, इसकी कोशिश रहेगी
- सरकार कोरोनावायरस से लड़ रहे हेल्थ वर्कर्स को 3 महीने के लिए 50 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर देगी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कोरोना संकट से निकलने के लिए वित्त मंत्री ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया। यह भी कहा कि 80 करोड़ गरीब लोगों को 3 महीने तक 10 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल मुफ्त दिया जाएगा। सरकार किसी गरीब को भूखा सोने नहीं देगी। कोरोनावायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था। इससे जनजीवन और आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं।
लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद की जाएगी। जिन लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है, उन्हें राहत दी जाएगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लाई जाएगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को राशन के अतिरिक्त 3 महीने तक 10 किलो गेहूं या चावल अतिरिक्त दिया जाएगा। इसके अलावा एक किलो दाल भी दी जाएगी।
किसानों के खाते में 2000 रु. की किश्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाल दी जाएगी, इससे 8.69 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा।
मनरेगा के तहत मजदूरी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की गई। 3 करोड़ सीनियर सिटीजंस, विधवाओं, दिव्यांगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) का फायदा मिलेगा।
3 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को 500 रुपए प्रति माह अगले 3 महीने तक दिए जाएंगे। 3 करोड़ सीनियर सिटीजंस, विधवाओं, दिव्यांगों को डीबीटी का फायदा मिलेगा, 1000 रुपए दिए जाएंगे।
उज्ज्वला स्कीम के तहत 3 महीने तक फ्री सिलेंडर दिया जाएगा। इससे 8.3 करोड़ परिवारों को फायदा होगा।
बीपीएल परिवारों को अन्न, धन और गैस की दिक्कत नहीं होगी। स्वयं सहायता समूहों को, जिनसे 7 करोड़ परिवार जुड़े हैं, बैंक से पहले 10 लाख का कर्ज मिलता था, अब 20 लाख का मिलेगा।
कर्मचारी प्रॉविडेंड फंड पर सरकार का बड़ा ऐलान
सरकार 3 महीने कर्मचारी और नियोक्ता का ईपीएफ योगदान देगी। पूरा 24% सरकार की तरफ से ही दिया जाएगा। 100 कर्मचारियों वाली कंपनियों को ईपीएफ का लाभ मिलेगा।
100 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों, 15000 से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों ईपीएफ का लाभ मिलेगा। 80 लाख से ज्यादा कर्मचारियों, 4 लाख से ज्यादा संस्थानों को फायदा होगा।
निर्माण क्षेत्र से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे हैं, उन्हें मदद दी जाएगी। इनके लिए 31000 करोड़ रु. का फंड रखा गया है।
पीएफ फंड रेग्युलेशन में संशोधन किया जाएगा। कर्मचारी जमा रकम का 75% या तीन महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, निकाल सकेंगे।
डिस्ट्रिक मिनरल फंड राज्य सरकारों के पास रहता है, इसका उपयोग जांच, दवाओं, उपचार के लिए हो ताकि कोरोना से लड़ने में सफल हो सकें।
24 मार्च को भी सीतारमण ने कई घोषणाएं की थी
इससे पहले मंगलवार को सीतारमण ने मंत्रालय के अफसरों के साथ मौजूदा हालात पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा था कि अगले तीन महीने तक किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा। बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त को भी खत्म कर दिया गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और पैन-आधार लिंक करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है।