रसानिक खाद (उर्वरक) की सब्सीडी सीधे किसान के खाते मे जमा करवाने से होंगे किसानों के हित सुरक्षित- मनसुख मांडविया
नई दिल्ली, 3 अगस्त – संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक सवाल के जवाब मे केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन, रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि रासायनिक खाद्य की सब्सीडी को सीधे किसानों के खाते मे जमा कराने से किसानो का हक सुरक्षित होगा। उन्होने कहा कि किसानों के हिस्से का यूरिया उर्वरक उद्योग मे उपयोग न हो इसलिए नीम कोटिंग तथा किसानों की सब्सिडी का हक्क सीधे किसानो को मिले इसलिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पद्धति लागू की गई है। केंद्रीय मंत्री मनसुख ने जानकारी देते हुई कहा कि, देश 19 जिलों में एक पायलट परियोजना के रूप में डीबीटी योजना कार्यान्वित की गई है, जिसमे गुजरात का नर्मदा जिला भी शामिल है। पायलट परियोजना के पहले चरण के पूरा होने के बाद अन्य राज्यों में इसे लागू किया जाएगा। चरण -1 मे कंपनी के खातों में उर्वरक सब्सिडी जमा कि जाती है और चरण -2 में किसानों के खातो मे उर्वरक सब्सिडी सीधे जमा की जाएगी और देश भर में लगभग 14 लाख किसानों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, रासायनिक उर्वरक की खरीद-बिक्री आसानी से कैशलेस हो इस लिए 2 लाख पीओएस मशीनों को उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि, सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए के लिए पांच सूत्री कार्यक्रम को आगे ले कर चल रही है। जिसमे डीबीटी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीमकोटींग यूरिया, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना भी शामिल है। इस कार्यक्रम से किसानों की खेती की लागत में कमी और आय में वृद्धि होगी तथा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।