केंद्र सरकार ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
कयास थे कि पीएम मोदी इसका ऐलान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे पहले मोदी ने सोशल मीडिया X पर सिर्फ अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण पर DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी। लिखा- मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
• भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAB) संसद में पेश किया गया था।
• यह लोकसभा में 10 दिसंबर 2019 और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही CAA कानून बना।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019:
• भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक 6 बार (1986, 1992, 2003, 2005, 2015, 2019) संशोधन हो चुका है।
• पहले भारतीय नागरिकता लेने के लिए भारत में 11 साल रहना जरूरी था। नए
संशोधित कानून में ये अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई है।
• नागरिकता संशोधन विधेयक का पूर्वोत्तर राज्यों खासकर बांग्लादेशी सीमा से सटे असम-पश्चिम बंगाल में काफी विरोध हुआ था।
• असम के लोगों का तर्क था कि बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिंदुओं को नागरिकता देने से यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म होंगे।
• केंद्र सरकार असम में नेशनल सिटीजन रजिस्टर (NRC) भी लाई थी, जिसका मकसद यहां रह रहे घुसपैठियों की पहचान करना था।