भारतीय इतिहास में 3 जून की तारीख बहुत ही महत्वपूर्ण है. आज यानी 3 जून को बहुप्रतीक्षित ईवीएम ‘हैकॉथन’ हो रहा है. चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम हैक चैलेंज को स्वीकारने वाली राजनैतिक पार्टियां ईवीएम मशीन हैक करने की कोशिश करेंगी. इसका आयोजन राजधानी दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के मुख्यालय में हो रहा है. चुनाव आयोग के इस चैलेंज में एनसीपी और सीपीआई (एम) दो पार्टियां भाग ले रही हैं. दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि पहुंच गए हैं. इस चैलेंज में एनसीपी से वंदना हेमंत चव्हाण, गौरव जयप्रकाश जाचक और यासीन हुसैन शेख विशेषज्ञ के साथ प्रतिनिधियों के रूप में शामिल हुए हैं.
गौरतलब है कि आयोग ने सभी 7 राष्ट्रीय और 48 राज्यस्तरीय पार्टियों को ईवीएम में छेड़छाड़ करके दिखाने के चुनौती दी थी, जिसे सिर्फ 2 पार्टियों ने स्वीकार किया था. दोनों राजनीतिक दलों को हैकिंग के लिए चार घंटे का वक्त दिया जाएगा. चुनौती के लिए राजनीतिक प्रतिनिधि पांच राज्यों की चार EVM को चुन सकते हैं. इस चैलेंज में एनसीपी और सीपीआई की ओर से तीन-तीन लोग हिस्सा लेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल हुई 14 ईवीएम मंगाई हैं.
AAP ने किया किनारा
ईवीएम पर इतना हल्ला मचने के बाद भी इस चैलेंज में सिर्फ दो राष्ट्रीय पार्टियां हिस्सा लेंगी. जिसमें नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआईएम) शामिल हैं. सबसे ज्यादा हल्ला मचाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने इस हैकाथन से किनारा कर लिया है. आप का कहना है कि चुनाव आयोग सबकुछ अपने मुताबिक कर रहा है.
ये थी आप की मंशा
दरअसल आप चाहती थी कि चुनाव आयोग उसको मदर बोर्ड से छेड़छाड़ की इजाजत दे जबकि चुनाव आयोग ने मदर बोर्ड को खोलने की इजाजत देने से साफ इंकार कर दिया था.
चैलेंज को हाई कोर्ट से अनुमति
नैनीताल हाई कोर्ट ने चैलेंज को मंजूरी दे दी है. चुनाव आयोग से कहा कि अपने विवेक से करें आयोजन. आयोग ने ईवीएम चुनौती के आयोजन को रोकने की याचिका खारिज कर दी. नैनीताल हाई कोर्ट के जज राजीव शर्मा और शरद शर्मा के खंडपीठ ने अपने 17 पेज के आदेश के पांचवें पन्ने में साफ लिखा है कि चुनाव आयोग की ईवीएम सुरक्षित है. देश में ही इनकी चिप बनती है और वन टाइम प्रिंटबल है. माइक्रो नंबर सिस्टम के साथ कई ऐसे सिस्टम इनमें लगे हैं कि ये अभेद्य हो जाती है. यहां तक कि इन्हें ट्रांसपोर्टेशन या स्ट्रॉग रूम में स्टोरेद के दौरान भी हैक या छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता.
अपने 17 पेजी आदेश के आखिरी पन्ने पर कोर्ट ने लिखा है कि कोर्ट का दायित्व और ज़िम्मेदारी है कि संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बनाये रखने में मदद करे. अभिव्यक्ति की आज़ादी होने का मतलब ये कतई नहीं है कि संवैधानिक संस्थाओं पर बेवजह छींटाकशी करें. उनकी गरिमा से खिलवाड़ करें. लिहाज़ा किसी भी राजनीतिक पार्टी, संगठन या फिर व्यक्ति को चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से बचना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि आयोग जैसे चाहे अपना ये आयोजन करे.
आप भी कर रही है हैकाथन
आप विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि चुनाव आयोग ने कभी भी हैकाथन की बात नहीं की थी. EC ने हमेशा ही ईवीएम चैलेंज की बात की है. भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी के टेक ग्रुप ने फैसला किया है कि अपनी खराब मशीन के चैलेंज को वह 3 जून को आयोजित करेंगे. इसमें वह देश के सभी एक्सपर्ट और चुनाव आयोग के एक्सपर्ट को भी आमंत्रित करते हैं.