सरकार की योजना सरल शब्दों में
- सरकार ने NAFFED और NCCF से सामान खरीदने का विचार किया है।
- इस योजना के तहत सरकार 5 साल तक के लिए समझौता करेगी।
- चार प्रकार की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाएगा।
- किसानों की मदद करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा जहाँ सब कुछ देखा जा सकेगा।
- फसल विविधीकरण का सुझाव । फसल विविधीकरण के लिए पूरी खबर पढ़िए।
किन फसलों पर MSP का प्रस्ताव
तुअर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल, मक्की, कपास
किसानों और सरकार के लिए फसल विविधीकरण क्या है और इसके क्या फायदे हैं।
फसल विविधीकरण एक प्रथा है जिसमें किसान एक खेत में एक विशेष अवधि के लिए केवल एक या दो फसलों की बजाय विभिन्न प्रकार की फसलें उगाते हैं। यह प्रथा किसानों और सरकार दोनों के लिए कई फायदे प्रदान करती है।
- जोखिम प्रबंधन: विभिन्न फसलों की उपज अगर किसी कारणवश घातक परिस्थितियों के कारण कम हो जाती है, तो भी किसान को अन्य फसलों पर भरोसा रखने का मौका मिलता है।
- मिट्टी की स्वास्थ्य: विभिन्न फसलों में भिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, इसलिए विविधीकरण से मिट्टी की उर्वरकता और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।
- पानी की संरक्षण: फसल विविधीकरण से प्रभावी पानी का उपयोग हो सकता है। कुछ फसलों को कम पानी की आवश्यकता होती है, जो पानी की कमी वाले क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है।
- आय स्थिरता: विविधीकरण फसल के लिए एक अधिक स्थायी आय स्रोत प्रदान कर सकता है। विभिन्न फसलों की अलग-अलग बाजार मांग और मूल्य के फर्क से इनकम एक ही फसल की सफलता पर नहीं निर्भर होती है।
- बाजार के अवसर: विविध फसलों की खेती नए बाजार के अवसर खोल सकती है। किसान विभिन्न बाजारों, स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों को ध्यान में रख सकते हैं, जो फसलों के आधार पर हो सकता है।
- पर्यावरणीय लाभ: विविध खेती प्रणालियों का प्रकार पर्यावरणीय विविधता पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, क्योंकि यह वन्यजीवों के लिए आवास और खाद्य प्रदान करता है।
सरकार के लिए, फसल विविधीकरण से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- आर्थिक विकास: विविध कृषि उत्पादन और आय में वृद्धि आर्थिक विकास में सहायक हो सकती है।
- आयात में कमी आयेगी और देश का पैसा देश के किसानों को मिलेगा
- खाद्य सुरक्षा: विविध फसलों की उत्पादन के कारण एक स्थिर भोजन आपूर्ति सुनिश्चित होती है, जिससे भोजन की कमी का जोखिम कम होता है।
- पर्यावरण संरक्षण: विविध खेती प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण में मदद कर सकती है, रासायनिक उपयोग की गई फसल उत्पादन प्रथाओं को कम करके और सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर।
- ग्रामीण विकास: विविधीकरण ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान कर सकता है, नौकरी के अवसर बनाने और बुनियादी ढांचे को सुधारने के द्वारा।